इलाहाबाद हाई कोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को 20 अगस्त को बड़ी राहत मिली। हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की याचिका स्वीकार करते हुए मऊ के एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल जेल की सजा को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस आदेश के बाद जल्द ही अब अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो जाएगी। यानी मऊ सदर विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव नहीं होगा। कोर्ट ने फैसले पर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा कि हमारी जीत हुई।
हमें जीत मिली- राजभर
ओमप्रकाश राजभर ने समाचार चैनल भारत समाचार से बात करते हुए कहा कि हाई कोर्ट से हमें जीत मिली है। पत्रकार ने पूछा कि अब्बास अंसारी को हाई कोर्ट से राहत मिली है? इसके जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी जीत हुई है और हमने पहले ही कहा था कि अभी निचली अदालत से फैसला आया है और तमाम अदालतें हैं, उसमें अपील होगी और राहत मिलेगी। राजभर ने कहा कि कई और मामलों में भी अपील होगी और राहत मिलेगी।
उपचुनाव अगर होता तो…
ओमप्रकाश राजभर ने यह भी दावा किया कि अगर राहत नहीं मिलती और उपचुनाव होता, तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का उम्मीदवार वहां पर खड़ा होगा। हालांकि जब अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म हुई थी, उसके बाद भाजपा के कई बड़े दावेदार मउ से चुनाव तैयारी करने लगे थे।
इलाहाबाद हाई कोर्ट से अब्बास अंसारी को बड़ी राहत, जानें अब मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा या नहीं
क्या है मामला?
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान दिया था। उन्होंने एक भड़काऊ भाषण दिया था और अधिकारियों को धमकी दी थी। इसके बाद मऊ के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
किन धाराओं के तहत दोषी ठहराए गए थे अब्बास?
इसके बाद एमपी/एमएलए कोर्ट कोर्ट ने अब्बास अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 189, 153A, 171F और 506 के तहत दोषी माना। अब्बास अंसारी को धारा 189 और 153A के तहत 2 साल की सजा सुनाई गई थी। जबकि 171F के तहत 6 महीने की सजा और धारा 506 के तहत 1 साल की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने कहा था कि यह सारी सजाएं एक साथ चलेंगी। वहीं इस मामले में अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया।