पूर्वांचल के माफिया मुख़्तार अंसारी की बांदा जेल में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। उन्हें शनिवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस बीच मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासत जारी है। रविवार देर रातऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजलि दी और गाजीपुर में उनके आवास पर गए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी ओवैसी ने मुख्तार की मौत पर शोक जताते हुए लिखा, “आज हम मृतक मुख्तार अंसारी के घर गए और उनके परिवार को श्रद्धांजलि दी। इस कठिन समय में हम उनके परिवार, समर्थकों और प्रियजनों के साथ खड़े हैं।” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, “इंशा अल्लाह, इस अंधेरे को चीर कर रोशनी आएगी।”

मुख्तार अंसारी की मौत पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा

गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को शनिवार को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मुख्तार के पार्थिव शरीर को उनके माता-पिता की कब्र के पास दफनाया गया। मुख़्तार अंसारी की मौत पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि मुख्तार की मौत स्वाभाविक नहीं है, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है।

परिवार का दावा- मुख्तार को खाने में जहर दिया गया

मुख्तार अंसारी का गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार का कहना है कि उन्हें भोजन में जहर दिया गया था। वहीं, अस्पताल की आधिकारिक प्रेस रिलीज के अनुसार, मुख्तार अंसारी को गुरुवार रात करीब 8:25 बजे अस्पताल लाया गया। रिलीज में कहा गया है कि मरने से पहले नौ डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी देखभाल की थी। इस बीच, तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है जो अंसारी की मौत की मजिस्ट्रेट जांच करेगी।

इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में एक नया गठबंधन सामने आया है। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) से नाराज होकर अलग हुए अपना दल (कमेरावादी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन ने रविवार को पीडीएम (पिछड़ा, दलित, मुसलमान) न्याय मोर्चा बनाकर उत्तर प्रदेश में साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गठबंधन का ऐलान किया। गठबंधन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, इस बारे में अभी कुछ तय नहीं हुआ है।