मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ नगर पालिका 22 साल बाद कांग्रेस के कब्जे में आई है। यहां भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हराकर अब्दुल गफ्फार अध्यक्ष चुने गए हैं। वहीं सुषमा नायक उपाध्यक्ष बनी हैं।

नगरपालिका में कांग्रेस के 14 और भाजपा के 10 पार्षद चुनाव जीते हैं, जबकि तीन निर्दलीय पार्षदों ने जीत दर्ज की। वोटिंग का परिणाम आने के बाद कांग्रेस को बहुमत से तीन वोट ज्यादा मिले हैं। जबकि भाजपा का एक वोट कम हुआ है। नगर के 27 पार्षदों में से कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल गफ्फार को 17 वोट और भाजपा समर्थित निर्दलीय बृजकिशोर तिवारी को 10 वोट मिले हैं।

हालांकि, नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष का यह सफर बहुत मुश्किल भरा रहा है। वह पहले मजदूरी कर अपना घर चलाते थे, लेकिन आज वो बड़े कारोबारी हैं। उन्होंने अपनी शुरूआत मजदूरी से की। पत्थर उठाने के साथ उन्होंने ट्रक भी चलाया, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर आज वो इस मुकाम पर हैं। मजदूरी से शुरुआत करने के बाद अब्दुल गफ्फार ट्रक ड्राइवर बने और उसके बाद अपना खुद का ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू किया और आज करोड़पति है।

अब्दुल गफ्फार का कहना है कि अब वो नगर पालिका को चमका देंगे। जीत के बाद टीकमगढ़ की जनता को धन्यवाद देते हुए अब्दुल गफ्फार ने कहा, “अगर लोगों ने साथ दिया तो हम 6 माहिने में टीकमगढ़ का नक्शा ही बादल देंगे। यहां सुंदरता, सफाई, नाली, कचरा और नगर पालिका से संबंधित जितनी भी चीजें हैं उससे आम आदमी को कोई परेशानी नहीं होगी।” अब्दुल गफ्फार पहले भी एक बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तब उनको हार का सामना करना पड़ा था।

चुनाव में कांग्रेस के 14 पार्षद जीते हैं। दो निर्दलीय पार्षद कांग्रेस समर्थित थे। भाजपा के 10 पार्षद जीते हैं, साथ ही एक भाजपा समर्थित पार्षद जीतकर आए हैं। नगर पालिका अध्यक्ष के साथ ही कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद पर भी कब्जा जमा लिया है। उपाध्यक्ष के लिए कांग्रेस की ओर से सुषमा संजय नायक और भाजपा की ओर से आरती महेश साहू ने फॉर्म जमा किया था। वोटिंग के बाद कांग्रेस प्रत्याशी सुषमा नायक को 15 और भाजपा उम्मीदवार आरती साहू को 12 वोट मिले। इस तरह 22 साल बाद नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर कांग्रेस को कब्जा जमाने में सफलता मिली।