मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के एक मुस्लिम विधायक आरिफ मसूद ने वंदे मातरम गाने से इनकार किया है। उनका कहना है कि शरीयत इसके लिए इजाजत नहीं देती है। बता दें कि एक मार्च को मध्य प्रदेश सचिवालय में वंदे मातरम गाया जाएगा, जिससे दो दिन पहले आरिफ मसूद ने यह बयान दिया। उस वक्त वे सिहोर जिले में मेव समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
यह था पूरा मामला : मध्य प्रदेश में भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस के मुस्लिम विधायक आरिफ मसूद ने यह बयान दो दिन पहले सिहोर जिले में दिया था। उस वक्त वे मेव समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उनसे पहले बीजेपी के एक पूर्व विधायक ने भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत और अंत वंदे मातरम से ही किया था।
यह बोले कांग्रेस विधायक : आरिफ ने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘पूर्व विधायक ने वंदे मातरम के नारे लगाए, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता। शरीयत इसकी इजाजत नहीं देती है। मैं यह देखकर आश्चर्यचकित रह जाता हूं कि इस्लाम के कुछ जानकार भी वंदे मातरम के नारे लगाते हैं। हम देश के लिए आज भी कुर्बान होने को तैयार हैं और कल भी रहेंगे। अगर इसे साबित करने के लिए वंदे मातरम कहना जरूरी है तो यह धोखा देने जैसा होगा।’’
वंदे मातरम को लेकर पहले भी हुआ विवाद : गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में हर महीने के पहले वर्किंग डे पर सरकारी कर्मचारियों द्वारा वंदे मातरम गाने का प्रावधान बनाया गया है। हालांकि, प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद एक जनवरी को इसका पालन नहीं किया गया। कमलनाथ सरकार का कहना था कि यह अनिवार्य नहीं है। बीजेपी ने इस पर विरोध जताया तो कांग्रेस सरकार को यू-टर्न लेना पड़ा था, जिसके बाद वंदे मातरम गाने का नियम दोबारा लागू कर दिया गया।