सतना जिले के चर्चित रामनगर गोली कांड पर अदालत ने 20 साल बाद अपना फैसला सुनाया। इस मामले में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार तिर्की की अदालत ने सभी आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई। दोषियों पर चार-चार हजार का जुर्माना भी लगाया गया। घटना में तत्कालीन एसपी के दांत और कलेक्टर की गाड़ी भी तोड़ दिये गये थे। जिस समय आरोपियों को सजा सुनाई गई, उस समय कोर्ट में बड़ी संख्या में आरोपियों के परिजन और समर्थक पहुंच गये। हालांकि पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया।
30 अगस्त 2002 को जिले के रामनगर निवासी महेश कोल ने खुदकुशी कर ली थी। तीन दिन तक उसका पोस्टमार्टम नहीं हुआ तो स्थानीय लोग भड़क उठे। गुस्से में कई लोगों ने पथराव और गोलीबारी कर दी। इसमें तीन लोग राम शिरोमणि शर्मा, सतेंद्र गुप्ता और मणि चौधरी की जान चली गई। करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये थे। दूसरी तरफ ग्रामीणों के हमले में तत्कालीन एसपी राजाबाबू सिंह और कलेक्टर एसएन मिश्र भी घायल हो गये। एसपी के दांत टूट गये थे। कलेक्टर की गाड़ी भी टूट गई थी।
इस मामले में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी पर लोगों को भड़काने का आरोप लगा था। वे पार्टी के सतना जिला महामंत्री भी रह चुके हैं।