मध्य प्रदेश की मुरैना नगर निगम की मेयर शारदा सोलंकी की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। कोर्ट ने फर्जी मार्कशीट मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। उन पर 10वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट बनवाने का आरोप था। जो जांच में सही पाया गया है। जिसके बाद कोर्ट ने मेयर के खिलाफ यह आदेश दिया है।

शारदा सोलंकी साल 2023 में हुए नगर निकाय चुनाव में मध्य प्रदेश के मुरैना से कांग्रेस के टिकट पर मेयर निर्वाचित हुई थीं। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव को हराया था। उसी चुनाव के दौरान ही बीजेपी उम्मीदवार मीना जाटव ने शारदा के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने और 10वीं की फर्जी मार्कशीट की जानकारी देने का आरोप लगाया था। इसको लेकर मीना ने कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। जिसको लेकर जांच में यह पाया गया कि शारदा सोलंकी की मार्कशीट फर्जी तरीके से बनवाई गई है। हालांकि महापौर शारदा सोलंकी और उनके वकील ने बताया कि कोर्ट के फैसले को लेकर उनको कोई जानकारी नहीं है।

RTI के जरिए सामने आया केस

मीना जाटव कोर्ट में शारदा सोलंकी के जाति प्रमाण पत्र को गलत नहीं साबित कर पाईं। लेकिन 10वीं की मार्कशीट की पूरी जानकारी आरटीआई के माध्यम से निकाल कर सार्वजनिक किया। जिसमें पता चला कि शारदा सोलंकी ने जिस स्कूल से 10वीं की पढ़ाई किया है, वहां साल 1986 में इनके नाम का कोई छात्र ही नहीं थी। जबकि जो रोल नंबर मेयर की मार्कशीट पर है। वो रोल नंबर किसी दूसरे शख्स के नाम पर दर्ज है। इससे ये जानकारी निकलकर सामने आती है कि मेयर शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी है।

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जानकारी के अनुसार मेयर शारदा सोलंकी ने उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूल में 10वीं की पढ़ाई का दावा किया था। नरोत्तम नाम के युवक का रोल नंबर मेयर शारदा सोलंकी की मार्कशीट पर लिखा हुआ है। वह सभी विषयों में फेल है। इसी मार्कशीट पर मेयर का नामांकन हुआ है। कोर्ट ने मुरैना के सिविल लाइन थाने में मेयर शारदा सोलंकी के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468 के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।