Morbi Tragedy: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर रविवार (30 अक्टूबर, 2022) को एक केबल ब्रिज टूट गया। इस हादसे में 141 लोगों की मौत होने की खबर है। वहीं अब तक 175 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है।

राज्य के नाना खिजादिया गांव में मकवाना और घोघा पिछले तीन दशकों से पड़ोसी और फ़ैमिली फ्रेंड रहे हैं। किराने की खरीदारी से लेकर छुट्टियों में घूमने जाने तक, दोनों परिवार सबकुछ एक साथ करते हैं। प्रभुभाई घोघा के बेटे विक्रम ने बताया कि मेरी बहन प्रियंका छोटे अरशद से बहुत प्यार करती थी। जब उनके शव मिले तो प्रियंका अरशद की अंगुली थामे मिली।

नए पुल के खुलने के पांचवें दिन ही टूटा: त्रासदी में बेटे अरशद के अलावा अपनी पत्नी 29 वर्षीय शाहबानो और 62 वर्षीय मां मुमताजबेन को खोने वाले आसिफभाई का कहना है, “जब पुल का प्रबंधन मोरबी नगरपालिका द्वारा किया जा रहा था, तब पुल पर 50 लोगों को जाने की अनुमति थी और प्रवेश-निकास को भी नियंत्रित किया जाता था। वे इस निजी कंपनी को ज्यादा से ज्यादा लोगों को अंदर आने की आजादी कैसे दे सकते थे?” उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों तक पुल पर लकड़ी के तख्त कभी नहीं टूटे लेकिन इस नए पुल के खुलने के पांचवें दिन ही ऐसा हो गया, इसका क्या मतलब है?

सिविल अस्पताल में घायलों से मिले प्रधानमंत्री: अपनों को खोने वालों के परिवारों का यह भी मानना है कि सरकार ने उच्च पदों पर बैठे लोगों पर दोष लगाने के बजाय निचले स्तर के अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (1 नवंबर) को मोरबी में हादसे वाली जगह का मुआयना किया। इसके बाद पीएम मोदी ने राहत-बचाव कार्य में लगी सभी टीमों से मुलाकात की।

इस दौरान पीएम मोदी ने बचाव कार्य में लगे स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने मोरबी के सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने घायलों को आश्वाशन दिया कि घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मोरबी हादसे को विपक्ष दलों ने सरकार की लापरवाही बताया है। वहीं घटना पर भाजपा की गोवा इकाई के प्रवक्ता सैवियो रोड्रिग्स ने राज्य की अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार की वजह से हुआ है।