बीजेपी नेता किरीट सोमैया और राकांपा के हसन मुशरिफ के बीच अरसे से तल्खी चल रही है। 2012 के एक केस को लेकर सोमैया ने मुशरिफ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वो उन्हें नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। यहां तक कि पुणे की कोर्ट ने मुशरिफ के खिलाफ फैसला दिया तो सोमैया ने दो घंटे के भीतर ही फैसले की कॉपी ट्वीट कर डाली। मुशरिफ को ये बात नागवार गुजरी और वो मामले को लेकर बांबे हाईकोर्ट पहुंच गए।

हाईकोर्ट ने सोमैया के खिलाफ जांच बिठा दी, लेकिन इस फैसले के कुछ घंटे बाद ही मामले में ईडी की एंट्री हो गई। फिलहाल मुशरिफ को ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। ध्यान रहे कि विपक्ष के तमाम नेता ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाते रहे हैं।

ईडी ने मुशरिफ को भेजा समन

शनिवर (11 मार्च, 2023) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी हसन मुशरिफ को पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने बताया कि मुशरिफ को अगले हफ्ते मुंबई में ईडी के सामने पेश होने को कहा गया है ताकि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके। इससे पहले जनवरी में मुशरिफ से जुड़े विभिन्न परिसरों पर ईडी ने छापेमारी की थी।

पिछले कुछ दिन में कोल्हापुर और अन्य जगहों पर नए सिरे से तलाशी की गई। धनशोधन मामला राज्य में मुशरिफ से जुड़ी कुछ चीनी मिलों के परिचालन में कथित अनियमितताओं में जांच से संबंधित है। इनमें सर सेनापति सांताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड भी है जिससे उनके तीन बेटे जुड़े हैं। मुशरिफ (68) कोल्हापुर की कागल सीट से राकांपा के विधायक हैं। वह राकांपा के उपाध्यक्ष भी हैं। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने 2021 में आरोप लगाया था कि पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री मुशरिफ अपने परिवार के सदस्यों और कंपनियों के माध्यम से बेनामी संपत्ति अर्जित कर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। तब राकांपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

सोमैया के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे मुशरिफ

बीजेपी नेता किरीट सोमैया के कोर्ट के आदेश की कॉपी ट्वीट करने के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को जांच करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट का कहना है कि जज इस बात को देखें कि फैसला सुनाने के महज दो घंटे के भीतर किरीट सोमैया को ऑर्डर की कॉपी कहां से मिल गई। जबकि फैसले की सर्टिफाइड कॉपी आरोपी को ही चार दिनों बाद मिल पाई थी। मामला राकांपा नेता हसन मशरिफ के बेटों से जुड़ा है। मुशरिफ ही सोमैया के ट्वीट को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे। बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते और शर्मिला देशमुख की बेंच ने प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज को मामले की पूरी जांच करने को कहा है। उनका कहना है कि बिजली की रफ्तार से किरीट सोमैया ने कोर्ट के फैसले की कॉपी कहां से मिली ये चिंता का विषय है। हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज से इस बात की जांच करने को कहा है कि कैसे हसन मुशरिफ के मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी भी सोमैया को मजिस्ट्रेट से पहले मिल गई। हाईकोर्ट का कहना है कि मामले के जांच अधिकारी को तलब करके उनसे सवाल जवाब किए जाए कि ऐसा कैसे हुआ? बेंच ने मुशरिफ को 23 फरवरी को कोल्हापुर में दर्ज मामले में राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।