Mokama bypoll: बिहार के मोकामा विधानसभा उपचुनाव के प्रचार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूर ही रहेंगे। मोकामा सीट पर वहां के बाहुबली विधायक रहे अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी महागठबंधन की प्रत्याशी हैं, जिनके लिए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह प्रचार कर रहे हैं। नीलम देवी के लिए नीतीश कुमार के प्रचार करने के कयास लगाए जा रहे थे, जिस पर अब विराम लग गया है।
विधानसभा उपचुनाव के प्रचार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूर रहने का कारण राजनीतिक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी है। सीएम 15 अक्टूबर को गंगा नदी में स्टीमर पर सवार होकर छठ की तैयारियों का जायजा ले रहे थे। उस समय स्टीमर पुल के पिलर से टकरा गया था। जिसके चलते नीतीश कुमार के पेट और पैर में चोट लग गयी। डॉक्टरों ने उन्हें ज्यादा यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। ऐसे में चुनाव प्रचार में उनका शामिल होना संभव नहीं है।
बिहार में मोकामा विधानसभा सीट 2005 के बाद से अनंत सिंह द्वारा बार-बार जीती गई है, चाहे वह जद (यू), राजद के बैनर तले या निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हों। अनंत सिंह ने 2005 और 2010 में जद (यू) के उम्मीदवार के रूप में, 2015 में निर्दलीय के रूप में और 2020 में राजद के बैनर तले मोकामा जीता था।
अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी पर दांव: ऐसे में जब भूमिहार बाहुबली अनंत सिंह ने हाल ही में आर्म्स एक्ट के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खो दी, तो राजद ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी पर दांव लगाया। नीलम देवी ने हाल ही में एक चुनाव प्रचार के दौरान इतना ही कहा, “यह एकतरफा लड़ाई है। मुझे यहां कोई चुनौती नहीं है।” गौरतलब है कि अनंत सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद ही मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
पहली बार अपने दम पर उतरी बीजेपी: वहीं, बीजेपी इस सीट से पहली बार अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। पिछले सभी चुनावों में भाजपा ने मोकामा को अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दिया था। बीजेपी ने लोकप्रिय नेता नलिनी रंजन सिंह की पत्नी सोनम देवी को मैदान में उतारा है। पूर्व सांसद सूरज भान बीजेपी के सभी शीर्ष नेताओं के साथ उनके लिए प्रचार कर रहे हैं।
मोकामा में भूमिहार मतदाताओं का वर्चस्व: गौरतलब है कि मोकामा में उच्च जाति भूमिहार मतदाताओं का वर्चस्व है। इसके बाद धनुक और ओबीसी यादव मतदाताओं का नंबर आता है। ऐसे में भूमिहार जाति के दोनों उम्मीदवारों के होने के कारण उनके वोटों का बंटवारा हो सकता है। भाजपा के राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल, धनुक, अपनी जाति के मतदाताओं को लुभाने के लिए कड़ा प्रचार कर रहे हैं, जिन्हें आमतौर पर नीतीश कुमार का समर्थक माना जाता है। मोकामा में पासवान (एससी) की एक बड़ी आबादी भी है, जिनमें से अधिकांश भाजपा के साथ जा सकते हैं।