बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है उन्हें यहां से रिलीव कर केंद्र में अटैच कर दिया गया है। जिसके बाद एक बार फिर मोदी सरकार और ममता सरकार के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कलाईकुंडा एयरबेस पर चक्रवात की समीक्षा को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंद्योपाध्याय नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।

कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन ने मुख्य सचिव को 31 मई को नई दिल्ली में उसके ऑफिस में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का भी अनुरोध किया है। पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन दीदी की चिट्ठी के बाद उन्हें तीन महीने का एक्स्टेन्शन दिया गया था।

मामत ने 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बंद्योपाध्याय को COVID-19 महामारी से निपटने के उनके अनुभव को देखते हुए कम से कम छह महीने का एक्स्टेन्शन देने का आग्रह किया था। कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर) के नियम 1954 के 6 (1) के प्रावधानों के तहत बंदोपाध्याय को तत्काल प्रभाव से केंद्र से में अटैच कर दिया है।

बंगाल से राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने मुख्य सचिव के ट्रांसफर को लेकर कहा कि क्या आजादी के बाद से ऐसा कभी हुआ है? किसी राज्य के मुख्य सचिव की जबरन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति। कितना नीचे गिरेगी मोदी-शाह की बीजेपी? सब इसलिए क्योंकि बंगाल के लोगों ने दोनों को अपमानित किया और भारी जनादेश के साथ ममता बनर्जी को चुना।

वहीं पीएम द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में ममता के नहीं आने से भाजपा के कई बड़े नेता नाराज़ हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि ममता ने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने के साथ ही संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत किया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार चक्रवात यास को लेकर आयोजित पीएम मोदी की बैठक में सीएम ममता बनर्जी करीब आधे घंटे देरी से पहुंचीं। कुछ देर बैठक में रुकने के बाद ममता बनर्जी कुछ कागजात देकर निकल गई थीं। उस वक्त उनके साथ मुख्य सचिव बंदोपाध्याय भी थे।