आर्टिकल और 370 जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के बड़े फैसले के बाद अब प्रशासनिक स्तर पर कई बड़े कदम उठाए जाने हैं। इनमें केंद्र शासित प्रदेश बने जम्मू-कश्मीर की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी? यह सबसे बड़ा सवाल है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद अब वहां सबसे पहले उपराज्यपाल का पद होगा। मीडिया रिपोर्ट्स में कयास लगाए जा रहे हैं कि तमिलनाडु कैडर के 1975 के आईपीएस विजय कुमार को यह जिम्मा सौंपा जा सकता है। ये वही ऑफिसर हैं जिन्होंने कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर करने वाली टीम को लीड करने का रिकॉर्ड है।
…इसलिए हैं सबसे मजबूत दावेदारः नए केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल पद की रेस में सबसे आगे चल रहे विजय कुमार फिलहाल जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार भी हैं। इसके अलावा वे कश्मीर घाटी में ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे सीआरपीएफ के महानिदेशक भी रह चुके हैं। कुख्यात चंदन तस्कर रहे वीरप्पन को उनके ही नेतृत्व में मारा गया था।
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नक्सली इलाकों में काम करने का भी अनुभवः एंटी टेरर ऑपरेशन में माहिर विजय कुमार को नक्सलियों से निपटने का भी खासा अनुभव है। 2010 में उन्हें सीआरपीएफ महानिदेशक बनाए जाने के बाद नक्सली गतिविधियों में गिरावट देखने को मिली थी।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा था जम्मू-कश्मीर को स्थायी रूप से केंद्र शासित प्रदेश नहीं बनाया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वहां के हालात में सुधार होते ही फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। कश्मीर इन दिनों सुरक्षा बलों की कड़ी चौकसी के साये में है। फिलहाल वहां हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं लेकिन पहरा कम होते ही हालात बिगड़ने की आशंका है। ऐसे में सरकार यहां कानून-व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती।

