Delhi Metro Fare Discount: जल्द ही दिल्ली मेट्रो में छात्रों और बुजुर्गों को किराये पर डिस्काउंट मिल सकता है। मोदी सरकार में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुजुर्गों और छात्रों को दिल्ली मेट्रो में रियायती दर पर यात्रा सुविधा का लाभ देने के तकनीक आधारित उपाय सुनिश्चित करने का दावा करते हुए कहा है कि जल्द ही इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की जाएगी। पुरी ने सोमवार (18 अक्टूबर) को बताया कि सरकार ने मेट्रो में मुफ्त यात्रा सेवा देने के बजाय, सिर्फ जरूरतमंद यात्रियों को ही किराये में रियायत देने की पहल की थी। इसके तहत ऐसा तकनीक आधारित उपाय तय किया गया है जिससे यात्रियों को माकूल लाभ भी मिले और मेट्रो सेवा की गुणवत्ता भी बिल्कुल प्रभावित न हो।
केजरीवाल के फ्री प्लान पर जवाबः उन्होंने कहा, ‘मैंने संसद में बयान दिया था कि हम मेट्रो में छात्रों और बुजुर्ग यात्रियों को रियायती यात्रा सुविधा मुहैया कराने के लिये तकनीक आधारित समाधान पेश करेंगे। हमने रियायती यात्रा सुविधा का तकनीक आधारित तरीका तय कर लिया है। जल्द ही इसे लागू करने की घोषणा की जाएगी। हमने विधिवत तरीके से जरूरतमंद लोगों को रियायती यात्रा का लाभ देने की तैयारी कर ली है।’ केजरीवाल सरकार द्वारा छात्रों और महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा देने की घोषणा के सवाल उन्होंने कहा, ‘हमने शुरु में ही स्पष्ट कर दिया था कि सरकार महिलाओं को किसी भी प्रकार की सुविधा देने के खिलाफ नहीं है। हमारा मानना है कि ऐसी कोई भी सुविधा जरूरत पर आधारित होना चाहिए। छात्रों और बुजुर्गों को दी जाने वाली रियायत में छात्राएं और बुजुर्ग महिलाएं स्वत: शामिल हो जाएंगी, जो कि सही मायने में इस सेवा के लिये जरूरतमंद हैं।’
मेट्रो मैन ने भी किया था फ्री का विरोधः उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में महिलाओं और छात्रों को दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा सुविधा देने की घोषणा की थी। हालांकि केन्द्र सरकार और मेट्रो के पूर्व प्रमुख ई श्रीधरन सहित अन्य लोगों ने दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा सेवा के विचार का यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे मेट्रो सेवा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। केजरीवाल सरकार की दलील है कि मुफ्त यात्रा का वित्तीय बोझ दिल्ली सरकार उठाएगी।
पुरी ने कहा, ‘हमने जो फॉर्मूला तय किया है, वह छात्राओं और बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। बाद में इसे अन्य जरूरतमंद वर्गों तक विस्तृत किया जा सकेगा।’ उन्होंने कहा कि विकलांगता या अन्य किसी आधार पर इसका लाभ देने की बात पर विचार करने से कोई गुरेज नहीं होगा लेकिन कोई भी फैसला सार्वजनिक तौर पर विचार विमर्श के बाद ही किया जाएगा। किराये में किस वर्ग को कितनी रियायत दी जाएगी, इसके निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है।
तकनीक आधारित समाधान के बारे में उन्होंने इतना ही कहा कि इस सेवा का दुरुपयोग रोकने और वास्तविक जरूरतमंद यात्रियों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए इसे तकनीक की मदद से जरूरत वाले यात्रियों की पहचान सुनिश्वित की जायेगी। रियायत के दायरे में आने वाले यात्रियों की पुष्टि, चिन्हित तकनीक को किसी पहचान पत्र से जोड़कर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पर लगातार काम चल रहा है, जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।