Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों और अन्य पिछड़े समुदायों को संगठन में उनका हक नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी को दलित विरोधी बताया।

मिश्री लाल यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारतीय जनता पार्टी का मैं आज की तारीख में विधायक हूं। हमें लगता है भारतीय जनता पार्टी में पिछड़े, दलितों और वंचितों का सम्मान होना बहुत ही मुश्किल है। भारतीय जनता पार्टी पूर्ण रूप से पिछड़ा और दलित विरोधी है। ऐसी स्थिति में जहां पर पिछड़ों के मान-सम्मान, दलितों के मान-सम्मान की रक्षा ना हो पाए तो वहां पर मेरे जैसे स्वाभिानी आदमी को क्षण भर भारतीय जनता पार्टी में बने रहना अच्छी बात नहीं है।”

मैंने एनडीए का परचम लहराया- विधायक मिश्री लाल

विधायक मिश्री लाल ने कहा, “मैं चाहता हूं कि जो बिहार में समाजवाद और सेक्युलरिज्म की रक्षा करने वाला आगे आए और मैंने आज एक बहुत ही बड़ा फैसला लिया है। मैं जिस विधानसभा क्षेत्र से विधायक हूं वहां पर 30 सालों से कोई एनडीए उम्मीदवार चुनाव लड़ा और बुरी तरह से हारा। आप सब बिहारवासियों को सुनकर हैरानी होगी कि जो अलीनगर के अंदर जो चर्चित विधानसभा है, वहां से मैं चुनाव लड़ा और चुनाव लड़ने के बाद वहां पर एनडीए पहली बार जीती है। पंडित हरनाथ मिश्र चुनाव हारे, महेंद्र झा चुनाव हारे, हरिश्चंद्र झा चुनाव हारे, रामनारायण ठाकुर चुनाव हारे, प्रभाकर चौधरी जैसे बाहुबली भी अलीनगर में चुनाव हारे। लेकिन एक साधारण आदमी जब वहां पर चुनाव लड़ने के लिए गया तो वहां पर एनडीए का परचम लहराया।”

ये भी पढ़ें: भोजपुरी सिंगर पवन सिंह नहीं लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव

मिश्री लाल ने आगे कहा, “आज केवल पिछड़े और दलितों का ही अपमान हो रहा है। यहां पर मेरा भी अपमान हो रहा है। मेरे स्वाभिमान पर ठेस पहुंच रही है। मेरे जैसे विधायक को भारतीय जनता पार्टी में स्वाभिमान बचना मुश्किल हो गया है। इसलिए मैं बिहारवासियों से अपील करना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी में बने रहना कहीं से उचित नहीं लग रहा है। मैं आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र के माध्यम से अपना इस्तीफा दे रहा हूं।”

वीआईपी के टिकट पर जीता था पिछला चुनाव

बता दें कि मिश्री लाल यादव ने साल 2020 में विकासशील इंसान पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीता था। बॉलीवुड सेट डिजाइनर से राजनेता बने मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी 2022 में एनडीए का घटक दल नहीं रह गई, जब पार्टी संस्थापक को भाजपा के कहने पर नीतीश कुमार मंत्रिमंडल से निष्कासित कर दिया गया। इसके तुरंत बाद यादव सहित वीआईपी के सभी चार विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। यादव ने अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन समझा जाता है कि वह इंडिया ब्लॉक के संपर्क में है।

ये भी पढ़ें: आरजेडी और कांग्रेस के बीच इन पांच सीटों को लेकर फंसा पेच