आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली सरकार ने विधायक क्षेत्रीय विकास निधि को हाल ही में 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपए करने का एलान किया है। सरकार की तरफ से इस राशि में बढ़ोतरी का मकसद चुनावी साल में ज्यादा से ज्यादा विकास कार्य कराने को बजट मुहैया करवाना है। गौर करने वाली बात यह है कि तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से विधायकों को 2020 से एक बार भी 10 करोड़ रुपए की विधायक निधि आबंटित नहीं की गई। इतना ही नहीं जो 4 करोड़ की राशि विधायकों को आबंटित की गई उसको खर्च करने में भी विधायक गंभीर नहीं दिखे।
हर साल करोड़ों रुपए विकास कार्य के लिए होते हैं आवंटित
विधायक क्षेत्रीय विकास निधि को खर्च करने में केवल विधायक ही नहीं बल्कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर मौजूदा मंत्री और पूर्व मंत्रियों की लंबी फेहरिस्त है। फरवरी, 2020 में नई सरकार बनने के बाद विधायक निधि खर्च करने में भी विधायकों ने भी कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते सरकार के बनने के बाद विधायकों को पहले वित्तीय वर्ष में कोई राशि विकास कार्य कराने को नहीं मिल पाई। इतना जरूर है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की राशि को अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में समायोजित किया गया। इस तरह से 2023-24 में भी विधायकों को क्षेत्रीय विकास निधि के रूप में 4-4 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। जबकि 2018 के मंत्रिमंडल के निर्णय में इसको वार्षिक 10 करोड़ रुपए किया गया था।
जनसत्ता की आरटीआई के हवाले से खुलासा हुआ है कि वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-2023 और 2023-24 के दौरान विधायकों ने जो राशि खर्च की है उसमें उनकी कोई खास रुचि नहीं मिली है। शहरी विकास विभाग के आंकड़ों की माने तो वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-2023 और 2023-24 के दौरान जो बजट आबंटित किया उसमें से जून 2023 तक दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली विधानसभा में 109.12 लाख रुपए तो पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पटपड़गंज विधानसभा में केवल 401.55 लाख रुपए ही खर्च कर पाए।
बात अगर दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी की करें तो उन्होंने अपनी कालकाजी विधानसभा में 535.81 लाख रुपए इन सालों में खर्च किए हैं। उनके मंत्रिमंडल के सदस्य सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत, गोपाल राय और मुकेश कुमार अहलावत ने भी विधायक निधि खर्च करने में कोई ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई है।
वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 के लिए जो 4-4 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया उसमें सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में मंगोलपुरी से आम आदमी पार्टी की विधायक राखी बिड़ला और राजेंद्र नगर से विधायक दुर्गेश पाठक हैं। राखी ने 726.34 लाख तो पाठक ने 722.55 लाख रुपए खर्च किए हैं। वहीं, बादली से विधायक अजेश यादव ने 522.03 लाख, द्वारका से विधायक विनय मिश्रा ने 510.5 लाख, कोंडली विधानसभा से कुलदीप कुमार ने 520.96 लाख और त्रिलोकपुरी विधानसभा से आप विधायक रोहित कुमार महरौलिया ने 508.16 लाख रुपए खर्च किए हैं।