Mumbai Metro के लिए ढाई हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई को लेकर मचे बवाल में अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP Chief Mehbooba Mufti) भी कूद पड़ीं। एक लॉ स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (7 अक्टूबर) को पेड़ों की कटाई रोकने का आदेश दिया था। इसके बाद महबूबा ने ट्वीट में लिखा, ‘कश्मीरियों की जिंदगी से भी बड़े हैं आरे कॉलोनी के पेड़।’ महबूबा ने कश्मीरियों को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं दिए जाने का आरोप लगाया।
बेटी चलाती हैं महबूबा का ट्विटर हैंडलः सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश जारी करते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए कहा था। इस पर महबूबा के ट्विटर हैंडल से यह टिप्पणी आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महबूबा का ट्विटर हैंडल इन दिनों उनकी बेटी इल्तिजा अपडेट कर रही हैं।

कश्मीरियों को बोलने की आजादी क्यों नहीं?: इसी हैंडल से एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने लिखा है, ‘मुझे खुशी हुई कि कार्यकर्ता आरे में पेड़ों की कटाई रोक पाने में सफल हुए। लेकिन आश्चर्य होता है कि कश्मीरियों को भी भाषण और अभिव्यक्ति के इसी अधिकार से वंचित क्यों रखा गया?’ बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों राजनेताओं, अलगाववादियों को नजरबंद कर दिया गया था। इसके बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने और आर्टिकल 370 में संशोधन करने का फैसला लिया।
फॉरेस्ट बेंच करेगी मामले की सुनवाईः सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और अशोक भूषण की विशेष बेंच ने केस का विश्लेषण करने की बात कही। इस मामले की सुनवाई अब 21 अक्टूबर को फॉरेस्ट बेंच करेगी। पेड़ों की कटाई का पर्यावरण कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने विरोध किया था।