Meerut Honour Killing: 20 मिनट तक उसका शव मेरठ के एक गांव में मुख्य सड़क के बीचोंबीच पड़ा रहा। पड़ोसी चुपचाप खड़े रहे, कुछ ने वीडियो बनाए। कोई भी 17 वर्षीय लड़की को बचाने के लिए नहीं आया, जिसकी बुधवार की सुबह उसके 28 वर्षीय भाई ने कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि हत्या का कारण यह था कि लड़की दूसरे धर्म के एक व्यक्ति से प्रेम करती थी। घटना के समय बारिश हो रही थी। सुबह करीब 9.30 बजे पड़ोसियों ने दो मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर भाई-बहन के बीच बहस की आवाज सुनी।
एक पड़ोसी ने बताया, “हमें लगा कि भाई अपनी पत्नी को पीट रहा है। यह काफी आम बात थी।” कुछ ही मिनटों बाद, घर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर उस व्यक्ति ने अपनी बहन की हत्या कर दी।
एक पड़ोसी द्वारा बनाए गए घटना के कथित वीडियो में उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं अपने पिता के सम्मान और गरिमा की रक्षा कर रहा हूं।”
भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के तहत हत्या से संबंधित एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है ।
स्टेशन हाउस ऑफिसर योगेंद्र सिंह ने बताया, “परिवार ने उसकी शादी एक ऐसे व्यक्ति से तय कर दी थी, जिसे वे स्वीकार करते थे।” जिसके बाद उनका झगड़ा हुआ और फिर मारपीट हुई। उसने घर से भागने की कोशिश की। वह उसके पीछे भागा और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।”
लड़की के भाई ने बताया कि चार महीने में उसकी उम्र 18 साल हो जाएगी और वह उस आदमी से शादी करने की योजना बना रही थी जिससे वह प्यार करती थी।
लड़की की भाभी ने बताया, “पांच दिन पहले वह हमारे घर से लड़के के घर चली गई। मेरे पति और ग्राम प्रधान के पिता, जो पद की सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं, लड़के के घर गए और उसे वापस ले आए।”
उन्होंने बताया कि मैं दूसरी मंजिल पर खाना बना रही थी। मेरी सास, ससुर और देवर खेतों में घास काटने गए थे। मेरे पति उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बात बहस में बदल गई। वह घर से भाग गई और वह उसके पीछे भागा। उसने उसे जमीन पर धकेल दिया और फिर गुस्से में उसका गला घोंट दिया।
जब वह पांच दिन पहले अपने घर से निकली थी, तो यह पहली बार नहीं था कि वह 18 वर्षीय उस व्यक्ति से मिलने के लिए 33 किलोमीटर की यात्रा करे जिससे वह शादी करने की योजना बना रही थी। वह अपने परिवार को पीछे छोड़कर उस व्यक्ति के साथ रहने के लिए मेरठ की एक परिवहन बस में बैठ गई। परिवार के पास तीन लाल रंग की बग्गी हैं, जिन्हें शादियों के लिए किराए पर दिया जाता है।
भाभी ने कहा ने कहा कि मार्च में वह पहली बार घर से निकली। हमने उसे मनाया और वापस बुलाया। मेरे ससुर ने उसे बताया कि लड़का दूसरे समुदाय से है। हमने उससे विनती भी की कि वह घर छोड़कर न जाए और हमें बदनाम न करे, लेकिन उसने मेरी एक न सुनी।
लड़की की मां ने कहा, “मेरा बेटा जेल में है। उसे दो लड़कियों की देखभाल करनी है। उनकी देखभाल कौन करेगा? यह तीसरी बार है जब वह भागी है।”
अपने स्कूल की टॉपर और आर्टिस्ट रही इस लड़की ने आठवीं कक्षा के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया था। उसकी दूसरी भाभा ने कहा कि बहुत तेज थी पढ़ने में, फिर पता नहीं कहां से आशिकी का भूत चढ़ गया, उसके पास तो फोन भी नहीं था (वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी, हमें नहीं पता कि उसे कैसे प्यार हो गया। उसके पास फोन भी नहीं था)।
लड़की के गांव में करीब 6,000 परिवार हैं और उनमें से 20 अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। गांव में सिर्फ़ एक प्राथमिक विद्यालय है और तीन किलोमीटर दूर एक जूनियर माध्यमिक विद्यालय है जो खंडहर में तब्दील हो चुका है।
दोनों की मुलाकात उस समय हुई थी जब लड़के की बहन की शादी लड़की के परिवार के एक व्यक्ति से हुई थी। गुरुवार की दोपहर को लड़की के गांव में सन्नाटा पसरा था। महिलाएं समूह में उसके बारे में कानाफूसी कर रही थीं।
एक 42 वर्षीय महिला ने कहा कि उसके व्यवहार का गांव की अन्य लड़कियों पर भी प्रभाव पड़ा होगा। इस बीच, 33 किलोमीटर दूर, लड़के का परिवार सदमे में है। लड़के के भाई ने कहा कि उन्होंने हमसे कहा था कि उसे कुछ नहीं होगा।
(नीतिका झा की रिपोर्ट)