दिल्ली भाजपा के नेताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर निगम के अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया है। एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, निगमों के महापौर रविंद्र गुप्ता, हर्ष मल्होत्रा और दक्षिणी दिल्ली निगम नेता आशीष सूद ने कहा कि निगमों की देखरेख करने वाले अधिकारी दिल्ली सरकार के अधीन हैं, अगर निगमों में घोटाला है तो सरकार प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्रवाई करे। निगम के अधिकारियों पर दबाव डालकर झूठ कबूलवाने का प्रयास न करे।
इन नेताओं ने कहा कि केजरीवाल सरकार का निगमों को पूरा पैसा जारी करने का दावा गलत है। उन्होंने इसके पक्ष में कई कागज पेश किए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को लगभग 100 मंडलों में प्रदर्शन कर निगमों का फंड रोकने पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस समय दिल्ली गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इलाज का बहाना बनाकर सरकारी खर्च पर बंगलुरु गए हैं। वहां हम उनके इलाज की तस्वीरें नहीं बल्कि विभिन्न समारोहों में भाषणों के वीडियो दिख रहे हैं। दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि शनिवार रात से पीडब्लूडी के 91 ट्रक दिन-रात दिल्ली में कूड़ा उठाने का काम कर रहे हैं।
दिल्ली में तीन कूड़ा डंपिंग साइट गाजीपुर, भलस्वा और ओखला में हैं जहां एमसीडी का एक ट्रक एक दिन में औसतन चार बार कूड़ा लेकर पहुंचता है। इसी आधार पर अगर हम हिसाब लगाएं तो 91 ट्रक अगर रात-दिन काम करते तो तीन बार के हिसाब से शनिवार रात से अब तक 400 ट्रक कूड़ा इन तीनों डंपिंग साइट पर पहुंचना चाहिए था। इन डंपिंग साइटों में ट्रकों का प्रवेश वीडियो रिकार्डिंग और पंजीकरण से होता है। अगर पीडब्लूडी और सत्ताधारी दल के नेता व कार्यकर्ता कूड़ा उठाने में लगे हैं तो कूड़ा गया कहां?
उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान अव्यवस्था के लिए केजरीवाल सरकार दोषी है, लेकिन इसकी नींव 2012 में कांग्रेस सरकार के वक्त ही पड़ गई थी, जिसने बिना पूरी तैयारी के निगमों का बंटवारा कर दिया था। केजरीवाल सरकार कांग्रेस के नक्शेकदम पर ही आगे बढ़ रही है और उसी की तरह चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करने के साथ-साथ तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के लंबित 2971 करोड़ रुपए भी जारी नहीं कर रही।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर रविंद्र गुप्ता ने कहा कि हमारे आयुक्त ने 29 जनवरी को दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि तीसरे वित्त आयोग के अनुसार विभिन्न मदों के 1731 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार पर निकलते हैं। उन्होंने मांग की है कि 650 करोड़ रुपए अविलंब जारी किए जाएं। हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि निगमों के सफाईकर्मी रात-दिन मेहनत कर 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा सड़कों से डंपिंग साइटों पर पहुंचाते हैं और इसके लिए करीब 1000 चक्कर लगते हैं। वहीं आशीष सूद ने दक्षिणी दिल्ली निगम के कर्मचारियों से अपील की है कि वे हड़ताल न करें और अगर वे अन्य निगमकर्मियों के समर्थन में संघर्ष करना चाहते हैं तो दैनिक कार्य के अंतिम घंटे में विरोध दर्ज करें।