निर्भय कुमार पांडेय
दिल्ली नगर निगम (MCD) में शुक्रवार को नवनिर्वाचित पार्षदों को शपथ दिलवाई जानी थी। साथ ही दिल्ली (Delhi) के महापौर और उपमहापौर का चुनाव भी होना था, लेकिन शुक्रवार सुबह जैसे ही सदन के अंदर मनोनीत सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ। आप के पार्षदों व विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा पार्षदों ने भी विरोध में जमकर हंगामा किया। सदन के अंदर करीब दो घंटे तक हंगामा बरपा। निगम के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि पहले दिन शपथ लेने सदन में पहुंचे नवनिर्वाचित पार्षद हंगामे के कारण बिना शपथ लिए अपने घरों को लौट गए हों।
आखिरकार पीठासीन अधिकारी, भाजपा पार्षद सत्या शर्मा ने शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे अगली तारीख तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। गुस्साए आप के पार्षदों और उनके समर्थकों ने सदन के बाहर सिविक सेंटर में काफी हंगामा किया और जमकर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि, स्थगन से पहले पीठासीन अधिकारी ने दो-तीन बार सदन को सुचारू रूप में चलाने और नवनिर्वाचित पार्षदों को अपनी सीट पर बैठ जाने की अपील की, लेकिन पार्षद नहीं माने और सदन के अंदर हंगामा करते रहे।
आप और भाजपा के पार्षदों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। दोपहर करीब पौने एक बजे नवनिर्वाचित भाजपा और आप के पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई शुरू हो गई और मेज पर चढ़ कर पार्षद हंगामा करने लगे। हंगामे के दौरान पार्षदों ने मेज और कुर्सियां तक पलट दी। इस दौरान कुछ पार्षदों को चोट भी लगी।
संवैधानिक प्रक्रिया की नहीं है समझ
हाथों में तख्ती और पोस्टर लिए आप और भाजपा के पार्षदों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की और सदन की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया। भाजपा की महापौर की उम्मीदवार रेखा गुप्ता ने कहा कि आप के पार्षद को संवैधानिक प्रक्रिया की समझ नहीं है। शपथ ग्रहण से पहले जानबूझ कर हंगामा किया गया। मनोनीत सदस्यों की संख्या केवल दस है। कुछ मिनट के अंदर उनकी शपथ हो जाती, लेकिन आप के पार्षदों ने पहले ही तय कर लिया था कि सदन को नहीं चलने देना है।
‘मनोनीत पार्षदों से मतदान करने की थी मंशा’
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संविधान और निगम एक्ट के खिलाफ है कि मनोनीत पार्षदों से मतदान करवाई जाए। भाजपा की मंशा सदन में मनोनीत पार्षदों से मतदान करवाने की थी। भाजपा महापौर, उप महपौर, स्थायी समिति के सदज्ञयों का एक साथ चुनाव करवाने के फिराक में थी, जबकि नियम कहता है कि पहले महापौर और उप महापौर का चुनाव होता है। उसके बाद अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उपराज्यवाल कार्यालाय से ऐसा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
‘ध्यान भटकाना है आप का काम’
वहीं, नगर निगम पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सदन में हंगामा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हंगामे की शुरुआत आप के पार्षदों ने की थी। हंगामा करने की क्या जरूरत थी। मनोज तिवारी ने कहा कि यह पार्टी सदन हो या फिर बाहर हंगामा कर हमेशा मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है। उनके हंगामे के कारण आज नवनिर्वाचित पार्षद शपथ नहीं ले पाए और महापौर व उपमहापौर का चुनाव नहीं हो सका।
हंगामे के लिए मुख्यमंत्री ने उकसाया : भाजपा
दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम के सदन में शुक्रवार को जो हिंसा का खेल हुआ है, उसे दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा उकसाया गया था। गत दो दिन से जिस तरह मुख्यमंत्री स्वयं कानूनी प्रावधानों की अवहेलना कर मनोनीत पार्षद के मुद्दे पर बयानबाजी एवं पत्राचार कर रहे थे, वह सीधा-सीधा अपने पार्षदों को हिंसा करने के लिए उकसा रहे थे। भाजपा के कई पार्षदों के इस दौरान चोट आई है। इनमें एंड्रयूज गंज के पार्षद शरद कपूर हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है।
‘भाजपा को गैर संवैधानिक कार्य नहीं करेंगे देंगे’
बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने कहा कि भाजपा को सदन के अंदर कोई भी गैर संवैधानिक कार्य नहीं करने देंगे। आम आदमी पार्टी इसका हर मोर्चे पर विरोध करेगी। आज भी भाजपा ने सदन के अंदर पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत किए गए सदस्यों को शपथ दिलवाना शुरू किया था। भाजपा को समझना चाहिए कि वह निगम का चुनाव हार चुकी है। आप की जीत हुई है। संवैधानिक तौर पर आप का ही महापौर और उप महापौर होना चाहिए, पर भाजपा अंदर खाने खेल करना चाहती है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
एहतियातन सिविक सेंटर के बाहर दिल्ली पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। जिला पुलिस के आला अधिकारी सिविक सेंटर में मौजूद थे। बाद में सदन के बाहर हंगामा कर रहे दोनों पार्टियों के समर्थकों को शांत करवाया और उन्हें अपने-अपने घर लौट जाने की अपील की।