Swami Prasad Maurya: ‘रामचरितमानस’ पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की टिप्पणी को लेकर शुरू हुआ विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। अब बसपा सुप्रीमो (BSP Supremo) मायावती (Mayawati) भी उनके विरोध में उतर आई हैं। उन्होंने ना सिर्फ स्वामी प्रसाद के बयान का विरोध किया है, बल्कि अखिलेश यादव की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और इसे सपा-भाजपा की मिलीभगत करार दिया है। उनका कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियां जनता के मुद्दों से ध्यान भटका कर हिंदू-मुस्लिम उन्माद पर पोलराइज करना चाहती हैं।

लगाया चुनावों से पहले जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप

उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर भाजपा और समाजवादी पार्टी को निशाने लिया। उन्होंने कहा,”रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलराइज किया जा सके।”

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, “संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़े करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मांतरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।”

उन्होंने दोनों पार्टियों पर यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर सांप्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया। इस वजह से ही भाजपा दोबारा सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।

स्वामी प्रसाद के बयान का हो रहा विरोध

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस से लेकर जातियों पर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में हैं। उनके बयानों का समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी विरोध जताया है। सपा की महिला नेता रोली मिश्रा ने इसके संबंध में कई ट्वीट कर अपना विरोध जताया है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को बाहरी बताते हुए कहा कि मैं सपा की नेता हूं और मौर्य डीलर हैं। 2012 से लेकर 2017 तक अखिलेश यादव का विरोध सबसे ज्यादा स्वामी प्रसाद मौर्य ने नेता प्रतिपक्ष बनकर किया।