समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों मीडिया की सुर्ख़ियों में बन हुए हैं। ‘रामचरितमानस’ पर विवादित टिप्पणी करने के बाद से ही उन पर कई तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं। हाल में अखिल भारत हिंदू महासभा के एक नेता ने स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को 51 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। इसी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सावला किया है। उनके पोस्ट पर लोग तरह- तरह के जवाब दे रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया ऐसा पोस्ट
स्वामी प्रसाद मौर्य ने जीभ काटने की धमकी देने वालों पर पलटवार करते हुए लिखा,”धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को प्रतिबंधित किए जाने की मांग पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों एवं जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।”
सोशल मीडिया यूज़र्स के जवाब
अंकित यादव नाम के एक यूजर ने पूर्व मंत्री की बातों का समर्थन करते हुए जवाब दिया- जब बहुजन समाज के लोग हक और अधिकार की बात करते हैं। तब तब उन्हें आतंकवादी और देशद्रोही बताया जाता है। यह सामंतवादी विचारधारा के जो लोग आज अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्हें यह सामंत वादी विचारधारा के लोग क्या कहेंगे। मेरा सिर्फ एक सवाल है, अगर हम सब हिंदू हैं तो हमारे बहुजन लोगों को मंदिर और उनके अधिकारों से वंचित क्यों रखा जा रहा है? रविंद्र शुक्ला नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- धीरे धीरे ही सही,ओबीसी समाज भी अपना पराया और सही ग़लत को समझ रहा है। बहुत बढ़िया, आपके साथ सभी बुद्धिजीवी खड़े हैं।
@dineshbjp09 नाम के ट्विटर यूजर ने कमेंट किया- शब्दों पर नियंत्रण रखकर के इस महामंत्र का जाप करिए। जब नाश मनुज पर छाता है, पहिले विवेक मर जाता है। नाम में स्वामी लगाने से नही बल्कि स्वामी शब्द के अर्थ कों चरितार्थ करना होता है।
@Qaem_Mehdi नाम के एक यूजर द्वारा लिखा गया कि स्वामी जी, हिंदू सहिष्णु है तभी आप ऐसी टिप्पणी के बाद भी सुरक्षित हैं। अगर शांतिप्रिय कौम के बारे में ऐसा बोला होता तो गृह मंत्रालय से Z+ सिक्युरिटी के लिए आवेदन करना पड़ जाता। @jung_yuva नाम के एक यूजर ने लिखा कि यदि थोड़ी भी वीरता है तो एक टिप्पणी इस्लाम के ऊपर भी कर के दिखाओ? आप नेता हो जनता को ये पता है और वामपंथी एजेंडा क्या होता है वो भी जनता जानती है।