ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ डॉ. उमर अहमद इलियासी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की मुलाकात पर बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या इसके बाद आरएसएस के रवैये में मुस्लिमों को लेकर बदलाव आएगा। मायावती ने ट्वीट कर यह सवाल किया है। उन्होंने पूछा कि बीजेपी और सरकार का मुस्लिम समाज के प्रति नकारात्मक रुख बदलेगा या नहीं।

मायावती ने अपने ट्वीट में कहा, “आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा कल दिल्ली स्थित मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात करने और फिर उनसे अपने आपको ‘राष्ट्रपिता’ व ‘राष्ट्र ऋषि’ कहलवाने के बाद क्या बीजेपी व इनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव में बदलाव आएगा?”

दरअसल, भागवत से मुलाकात के बाद इमाम ने आरएसएस प्रमुख को राष्ट्रपति बताया था। दोनों की यह मुलाकात गुरुवार को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद में हुई थी। इसके बाद भागवत उत्तरी दिल्ली के आजादपुर की मस्जिद में भी गए थे। यहां उन्होंने बच्चों से बात भी की थी।

इसी दौरान जब वह बच्चों से संवाद कर रहे थे, तो इमाम इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपति बताया था। वहीं, आरएसएस के अधिकारियों का कहना है कि भागवत ने इलयासी को इस पर टोकते हुए कहा था कि राष्ट्रपिता एक ही हैं और हम सब भारत की संतानें हैं।

इसके बाद इलियासी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “वह राष्ट्रपिता हैं। हमने देश को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर बात की।” वहीं, भागवत ने बच्चों से बात करते हुए देश के बारे में और जानने की जरूरत के बारे में बताया और कहा कि हमारे पूजा करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। बता दें कि डॉ. उमर अहमद इलियासी ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख हैं। इस संगठन में 5 लाख से अधिक इमाम हैं।