उत्तर प्रदेश के मथुरा में लस्सी के बिल को लेकर एक 25 वर्षीय शख्स की पिटाई और फिर मौत के बाद पुलिस सतर्क हो गई है, ताकि किसी तरह के तनाव की स्थिति से बचा जा सके। पुलिस ने बताया कि लस्सी बेचने वाले भरत यादव को करीब 15 लोगों ने पीटा था। मथुरा एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक एक महिला समेत तीन लोग लस्सी खरीदने के लिए आए थे। बिल भुगतान के समय दोनों पक्षों के बीच विवाद की स्थिति बनी। शुरुआत में मामला सुलझ गया था लेकिन बाद में आरोपी अपने साथ कई और लोगों को लेकर आया और उसे पीटकर पैसे लूटने की कोशिश की। पीड़ित की मौत के बाद आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। दो आरोपियों हनीफ और फहीम को गिरफ्तार किया गया। 15 लोगों की भूमिका को लेकर जांच जारी है। प्रथम दृष्ट्या लग रहा है कि दोषी आपराधिक पृष्ठभूमि से नहीं थे।’
18 मई को ‘नाथू शॉप’ में भरत अकेला बैठा हुआ था। हनीफ और एक महिला समेत तीन लोगों ने कथित तौर पर तीन गिलास लस्सी मंगवाई और छह गिलास पैक करवाई। भरत के भाई मुन्ना के मुताबिक उनके पास 20 रुपए कम थे, जिसकी वजह से विवाद शुरू हो गया। मुन्ना ने कहा, ‘हम तीन दशकों से दुकान चला रहे हैं। भरत ने उन्हें कह दिया था कि पैसे बाद में आकर दे देना। लेकिन उन्होंने गाली-गलौज शुरू कर दी। दूसरे दुकानदारों ने भी हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाने की कोशिश की। लेकिन थोड़ी देर बाद हनीफ 15 लोगों के साथ आया और भरत को बुरी तरह पीटा।’
भरत के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हनीफ के साथ आए लोगों ने उसे घसीटा और बीच रोड पर ले जाकर मारा। इस दौरान कथित तौर पर दुकान में तोड़फोड़ भी की गई और कैश लूट लिया गया। भरत को आईं बाहरी चोटों का इलाज तो करवाया गया लेकिन अगले कुछ दिनों बाद उसने सिरदर्द की शिकायत की। इसके बाद उसे आगरा के अस्पताल ले जाया गया। शुक्रवार (24 मई) डॉक्टर्स ने कहा कि दिमाग की नसें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। शनिवार (25 मई) को भरत की सिर में चोट के चलते मौत हो गई।
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जब भरत का शव आया तो सैकड़ों लोग जुट गए। इस दौरान चौक बाजार में जवानों की तैनाती की गई। पुलिस पर कोई कदम न उठाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध किया। एसएसपी पंकज के मुताबिक जब शव लाया गया तो कुछ लोगों ने इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की लेकिन वास्तव में ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। रमजान के मद्देनजर किसी भी प्रकार के तनाव से निपटने के लिए पहले ही ऐहतियातन अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी।
भरत की माला चढ़ी तस्वीर के आगे उसकी पत्नी बैठी थी। भाई मुन्ना ने कहा, ‘दुकान बंद हो गई, सारा सामान बेकार हो जाएगा। मैं सिर्फ भरत के लिए इंसाफ चाहता हूं। जिसने भी यह किया उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि फिर किसी और के साथ ऐसा न हो।’