जिले का सबसे बड़ा सरकारी अधिकारी जिलाधिकारी होता है, जबकि सुरक्षा के लिहाज से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सबसे बड़ा अधिकारी होता है। लेकिन कई बार बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को पंक्ति का अंतिम व्यक्ति भी सीख दे देता है। कुछ इसी तरह का वाकया उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से सामने आया है। जहां नो-एंट्री रास्ते पर जा रहे DM और SSP की गाड़ी को होमगार्ड ने रोक दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात की जब ये बात पता चली कि गाड़ी में डीएम और एसएसपी बैठे हैं उसके बाद भी होमगार्ड ने गाड़ी नहीं जाने दी। जिसको लेकर चारों ओर चर्चा हो रही है।
दरअसल मथुरा में आयोजित मुड़िया पूर्णिमा मेले को लेकर आदेश दिया गया था कि नो-एंट्री के रास्तों पर कोई भी ई-रिक्शा नहीं जाएगी। ऐसे में सुरक्षा का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार जा रहे थे। दोनों अधिकारी ई-रिक्शा से परिक्रमा मार्ग की ओर बढ़ रहे थे कि तभी वहां तैनात होमगार्ड ने ई-रिक्शा रोक लिया। ई-रिक्शा पर सवार सुरक्षा कर्मियों ने होमगार्ड को बताया कि इस पर डीएम और एसएसपी बैठे हुए हैं उसके बाद भी होमगार्ड ने ये कहकर ई-रिक्शा को आगे नहीं जाने दिया कि नो-एंट्री रुट पर ई-रिक्शा की आवाजाही मना की गई है।
जिलाधिकारी और एसएसपी ने बदल लिया रास्ता
होमगार्ड की तत्परता और नियमों के प्रति निष्ठा को देखते हुए जिलाधिकारी और एसएसपी ने होमगार्ड से बिना बहस और आपत्ति दर्ज कराए ही अपना रास्ता बदल दिए। इस घटना के बाद से ही होमगार्ड की खूब तारीफ हो रही है।
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इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड ने नियम और कर्तव्यों का सर्वोत्तम उदाहरण पेश किया है। सभी सुरक्षाकर्मियों को स्पष्ट निर्देश थे कि गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में किसी भी ई-रिक्शा की एंट्री न हो, इसके लिए नो-एंट्री रूट घोषित था। इसी वजह से वहां तैनात होमगार्ड ने ई-रिक्शा को रोक दिया। श्लोक कुमार ने आगामी मीटिंग में होमगार्ड को सम्मानित करने की घोषणा की है।