Mangaluru Bomb Blast: कर्नाटक के मंगलुरु ऑटोरिक्शा विस्फोट (Mangaluru Autorickshaw Blast) में पुलिस ने सोमवार (21 नवंबर, 2022) को एक बड़ा खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि आरोपी आईएसआईएस (ISIS) आतंकवादी समूह से प्रेरित था और अपने आकाओं से संपर्क करने के लिए डार्क वेब (Dark Web) का इस्तेमाल करता था। कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने यह भी कहा कि शारिक ने कई हैंडलरों के अधीन काम किया है, जिनमें से एक आईएसआईएस से प्रभावित आतंकवादी संगठन अल हिंद का सदस्य भी है।
कर्नाटक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि शारिक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने घर पर बम बनाए और उनका एक नदी के पास पीक्षण भी किया। पुलिस को शारिक के घर से तलाशी में कुछ आपत्तिजनक सामग्री भी मिली है, जो विस्फोटक है। आलोक कुमार ने कहा कि शरीक फिलहाल जिस हैंडलर के साथ काम कर रहा था उसका नाम,अराफत अली है और दो मामलों में आरोपी है।
अराफत अली मुस्सविर हुसैन के संपर्क में था, जो अल-हिंद मॉड्यूल मामले में आरोपी है। वहीं, अब्दुल मतीन ताहा, शारिक के मुख्य संचालकों में से एक था। 2-3 हैंडलर और भी हैं, जिन्होंने शारिक के साथ काम किया है लेकिन उनकी पहचान की जानी बाकी है।
अधिकारी ने कहा कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता ये है कि शारिक जल्दी ही ठीक हो जाए, ताकि उससे जल्द से जल्द पूछताछ की जा सके। बता दें कि इस हादसे में शारिक भी बुरी तरह से झुलस गया है और उसका इलाज चल रहा है। पुलिस का दावा है कि यह कोई हादस नहीं था, बल्कि एक आंतकी कृत्य था। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक पुलिस ने मैसूर में शारिक के घर सहित पूरे कर्नाटक में 5 जगहों पर तलाशी ली है, जहां से बम बनाने की सामग्री जब्त की गई है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “शारिक आईएसआईएस विचारधारा से प्रेरित था और उसने अपने घर पर बम बनाया था। 19 सितंबर को शारिक ने दो अन्य साथियों के साथ शिवमोग्गा में एक नदी के किनारे एक जंगल में परीक्षण विस्फोट भी किया था।” बता दें कि शनिवार को मंगलुरु में एक चलते हुए ऑटोरिक्शा में विस्फोट हो गया था, जिसमें चालक और शारिक जख्मी हो गए। पुलिस को घटनास्थल से एक कुकर मिला है, जिसमें विस्फोटक पदार्थ था। शारिक यह कुकर लेकर ऑटो में बैठा था। जांच में पता चला कि वह इस क्षेत्र में फर्जी आधार कार्ड के जरिए एक किराए के कमरे पर रह रहा था।