Bihar News: बिहार के रोहतास जिले से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर 17 साल पहले देवरिया से अचानक गायब हुए नथुनी पाल की हत्या के आरोप में उनके चाचा समेत उनके तीन चचेरे भाइयों को जेल हुई थी। हालांकि, वह अब जिंदा मिल गया हैं। उसे रोहतास में लेकर आया गया है। हालांकि, नथुनी पाल की हत्या के लिए एक परिवार को काफी संघर्ष से जूझना पड़ा। इतना ही नहीं उन्हें सामाजिक कलंक का भी सामना करना पड़ा और लंबी कानूनी लड़ाई के आर्थिक बोझ ने उन्हें अपनी पुश्तैनी जमीन बेचने पर मजबूर कर दिया।

अब पूरे मामले पर गौर करें तो 18 सितंबर 2008 को बाबू लाल ने एक शिकायत दी थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके भतीजे नथुनी पाल को उनके चचेरे भाइयों विमलेश, भगवान और सतेंद्र पाल और चाचा रति लाल ने जमीन के विवाद की वजह से किडनैप कर लिया। उनकी हत्या की और दफन कर दिया। गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने तीन भाइयों विमलेश, भगवान और सतेंद्र पाल और उनके पिता रति लाल को अरेस्ट कर लिया। जितेंद्र पाल और एक अन्य आरोपी भाई को पुलिस ने जांच में क्लीन चिट दे दी थी, क्योंकि वह कथित अपराध के समय ड्यूटी पर था।

पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नहरों और बाकी जगहों पर खुदाई करने के बाद भी पुलिस को शव नहीं मिल सका था। उन्होंने छह महीने के बाद में चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपियों ने इस मामले में महीनों जेल में बिताए। किसी ने एक साल, तो किसी ने 11 महीने या उससे कुछ कम समय जेल में काटा। कोर्ट में मुकदमा चल रहा था और जल्द ही फैसला आने वाला था। आरोपियों को सजा होने की पूरी संभावना थी।

लालू ने नीतीश को कोई ऑफर नहीं दिया

मामले में आया ट्विस्ट

इस मामले में ट्विस्ट उस वक्त आता है जब यूपी के दमना पुलिस चौकी के प्रभारी नवाब सिंह को 4 जनवरी को नियमित गश्त के दौरान एक संदिग्ध शख्स मिला। रोहतास पुलिस ने यूपी पुलिस से बातचीत करने के बाद में पुष्टि की थी कि वह शख्स नथुनी ही था। इसकी कई साल पहले मौत हो चुकी थी। वह दमना के घावर गांव में रह रहा था।

परिवार ने ली राहत की सांस

हवलदार जितेंद्र ने अब राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा कि एसएचओ से लेकर डीआईजी तक के अधिकारियों से हमारी बार-बार अपील के बाद भी हमें दोषी ठहराया। परिवार ने एक नहीं बल्कि कई बार कहा था कि मानसिक हालत की वजह से नथुनी बार-बार गायब हो जाता था। हालांकि, बाद में वह वापस आ जाता था। जितेंद्र ने यह भी बताया कि वह अपने लापता चचेरे भाई नथुनी को कई सालों तक काफी तलाशता रहा। वह अक्सर पटना जंक्शन जाता था और भिखारियों के बीच उसे तलाशता था। लेकिन वह नहीं मिला।  हिंदू महिला को CAA की वजह से 40 साल बाद मिली भारत की नागरिकता पढ़ें पूरी खबर…