पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की मोदी सरकार के बीच तल्खी किसी से छिपी नहीं है। अब ममता बनर्जी ने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना के लिए अपने राज्य की तरफ से योगदान न देने का एलान किया है। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक ममता बनर्जी ने कहा, ”मेरा राज्य आयुष्मान योजना के लिए 40 फीसदी धन का योगदान नहीं देगा। केंद्र अगर योजना चलाना चाहता है को उसे पूरा पैसा देना होगा।” बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 50 करोड़ गरीब लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक इस योजना से 16 हजार अस्पताल जुड़ चुके हैं। इनमें 55 फीसदी निजी अस्पताल बताए जा रहे हैं। बता दें ममता बनर्जी को लेकर ऐसे खबरें भी आ रही हैं कि वह नरेंद्र मोदी या उनके राज्य गुजरात का नाम तक सुनना पसंद नहीं करती हैं।

द टेलिग्राफ की एक खबर के मुताबिक राज्य के खादी और ग्रामीण उद्योग बोर्ड के एक अधिकारी को उस वक्त ममता बनर्जी के गुस्से का शिकार होना पड़ गया जब उसने गुजरात का नाम जुबान पर ला दिया। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार (9 जनवरी) को एक बैठक में अधिकारी पारंपरिक कपड़े का बिजनेस हब बनाए जाने को लेकर ममता के सवालों का जवाब दे रहा था तभी उसने कहा कि बुनकरों की ट्रेनिंग के लिए गुजरात से कुछ चरखे खरीदे हैं। इस पर ममता बनर्जी भड़क गईं और अधिकारी को बीच में ही रोकते हुए बोलीं कि गुजरात से चरखा लाने के लिए किसने बोला है? क्या यहां चरखा नहीं मिलता है?

वहीं, लोकसभा चुनाव नजदीक देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ममता सरकार के विरोध के चलते राज्य में रैलियां नहीं कर पा रही है। पिछले साल दिसंबर में बंगाल में अमित शाह की रैली होने थी, जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। ममता सरकार का कहना है की राज्य में भारतीय जनता पार्टी की रैली से सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। बीजेपी मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट ले गई थी फिर उसे सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।