पश्चिम बंगाल के हाउसिंग एंड फायर इमरजेंसी सर्विस मंत्री सोवन चटर्जी ने ममता बनर्जी सरकार से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में सवाल जवाब का सेशल चल रहा था। इसी दौरान सीपीएम विधायक खागेन मुर्मु ने सोवन चटर्जी से सवाल किया कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत कितने लोगों को घर दिए गए हैं। इसके जवाब में सोवन चटर्जी ने मंत्री होने के नाते जवाब देते हुए कहा कि करीब 25 लाख लोगों को राज्य में घर दिए गए हैं। तभी सोवन चटर्जी के पीछे बैठी हुईं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उठकर उन्हें सही किया और कहा कि करीब 40 लाख लोगों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत घर दिए गए हैं। बताया जाता है कि सेशन के तुरंत बाद ही सोवन चटर्जी सीएम के चैंबर में गए और 10 मिनट तक वहां रहे और फिर वापस अपने चैंबर में लौट आए।
कुछ समय बाद सचिवालय के एक कार्यक्रम में भी सोवन चटर्जी ने शिरकत की, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। इवेंट के बाद सोवन चटर्जी सीधे सीएम ऑफिस गए और वहां सीएम के प्रधान सचिव गौतम सान्याल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। सूत्रों के अनुसार, सान्याल ने इस्तीफा राज्य के प्रधान सचिव मलय डे को भेज दिया, जहां से सोवन चटर्जी का इस्तीफा राजभवन में राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी की मंजूरी के लिए भेज दिया गया। फिलहाल इस मुद्दे पर सोवन चटर्जी से बातचीत नहीं हो सकी है। द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, टीएमसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी सोवन चटर्जी की परफॉर्मेंस से खुश नहीं थी और कई बार वह एक्शन लेने की चेतावनी भी दे चुकी थीं।
माना जा रहा है कि सोवन चटर्जी बुधवार को कोलकाता मेयर के पद से भी इस्तीफा दे देंगे। म्यूनिसिपल कमिश्नर खलील अहमद सोवन चटर्जी के इस्तीफे के बाद कोलकाता म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का कामकाज तब तक देखेंगे, जब तक कोई नया मेयर नहीं चुना जाता। गौरतलब है कि बीते जून में सोवन चटर्जी को राज्य पर्यावरण मंत्री के पद से भी हटा दिया गया था। टीएमसी संगठन की बात करें तो सोवन चटर्जी दक्षिणी 24 परगना जिले के अध्यक्ष हैं। वहां भी सोवन चटर्जी को अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह सुब्रत बक्शी को अहम जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि पंचायत चुनाव में भाजपा ने टीएमसी को टक्कर दी थी। सीएम ममता बनर्जी ने अपने एक बयान में कहा है कि “सोवन चटर्जी पहले भी अपने पद से इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन हमने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इस बार उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और उन्हें कोलकाता मेयर के पद से भी हटने को कहा गया है।”