Role Of Caste Equation In Mainpuri By-Election: यूपी के मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में इस बार मुलायम सिंह यादव नहीं हैं। नेताजी के नहीं रहने पर समाजवादी पार्टी के लिए यह पहला चुनाव है। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लिए यह चुनाव पहले जैसा आसान नहीं रह गया है। पार्टी की इस परंपरागत सीट पर डिंपल यादव (Dimple Yadav) मैदान में हैं। उनसे मुकाबला करने के लिए भाजपा ने रघुराज शाक्य (Raghuraj Shakya) को खड़ा किया है, जो खुद को मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव का शिष्य बताते हैं। अखिलेश यादव के नेतृत्व में यह उपचुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।
सवर्णों का वोट सपा के लिए बन सकता है खतरा
हालांकि यह सीट हमेशा से सपा जीतती रही है, लेकिन इस बार जातीय समीकरण (Caste Equation) पार्टी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। डिंपल यादव को ब्राह्मण, ठाकुर और शाक्य (Brahmin, Thakur and Shakya) का वोट कितना मिलता है और बसपा (BSP) प्रत्याशी नहीं होने से दलित वोट किधर जाएगा, यह सबसे बड़ा सवाल है। हालांकि दोनों दल सपा और भाजपा यह दावा कर रहे हैं कि दलित उनके साथ हैं।
सभी की निगाहें दलित वोटों पर लगी हैं
अभी जो स्थिति है, उसके मुताबिक मैनपुरी में यादव 4,31,235, शाक्य 2,92,912, ठाकुर 2,01,530, दलित 1,52,427, ब्राह्मण 1,22,427, लोधी 1,06,325, मुस्लिम 67,221 मतदाता हैं। इनमें सबसे ज्यादा यादव हैं, लेकिन अगर भाजपा ने शाक्य, ठाकुर और ब्राह्मण को एक साथ कर लिया और दलित वोटों (Dalit Voters) में से भी कुछ अपनी तरफ कर लिया, तब डिंपल यादव (Dimple Yadav) के लिए राहें काफी कठिन हो जाएंगी। यह वजह है कि दलित वोट को साधन के लिए दोनों दलों ने अपने-अपने प्रयास तेज कर दिये हैं।
डिंपल के समर्थन में आईं फूलन देवी की बड़ी बहन
अब समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव की जीत पक्की करने के लिए पूर्व सांसद फूलन देवी (Phoolan Devi) की बड़ी बहन रुक्मणी देवी निषाद (Rukmani Devi Nishad) को भी मैदान में उतार दिया है। रुक्मणी देवी मैनपुरी के घर-घर जाकर डिंपल यादव के लिए वोट मांग रही हैं। रुक्मणी देवी ने बताया कि वह मुख्य रूप से छोटी जातियों के पास जाकर डिंपल यादव को वोट देने की अपील कर रही हैं। वह रोजाना सात-आठ गांवों का दौरा करती हैं और लोगों से डिंपल यादव को जिताने की अपील करती हैं।
निषाद, लोहार समाज में लगा रही एड़ी चोटी का जोर
रुक्मणी देवी का कहना है कि वे खास तौर पर निषाद, लोहार, प्रजापति, विश्वकर्मा, कश्यप, बाथम, गोड़िया, धुरिया आदि समुदायों को जोड़ने के लिए लोगों से मिल रही हैं। समाजवादी पार्टी का मानना है कि इन वोटों को अगर साध लिया गया तो डिंपल का जीतना तय है।