केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पुणे में गृहमंत्री अमित शाह पर लिखी गई एक पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में पहुंची थीं। लेकिन महंगाई के खिलाफ कांग्रेस और एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। पुस्तक विमोचन के बाद जब स्मृति ईरानी लौट रहीं थीं, तब एनसीपी की महिला कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर अंडे फेंके और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केन्द्रीय मंत्री को काले झंडे दिखाए।
स्मृति ईरानी के होटल में एनसीपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुँच गए और महंगाई के खिलाफ आन्दोलन किया। महिला कार्यकर्ता गैस सिलिंडर लेकर होटल के अन्दर पहुंची थीं और पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उनपर काबू पाया। इसके बाद बीजेपी के कार्यकर्ता भी वहां पर पहुँच गए और फिर बीजेपी के कार्यकर्ता भी बीजेपी और स्मृति ईरानी के समर्थन में नारे लगाने लगें।”
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्मृति ईरानी के काफिले पर हमले की निंदा की और राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पुणे में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जी के वाहन पर हमला कायरतापूर्ण हमला है। यदि केवल सत्ताधारी दल के लोग ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाले नहीं हैं, तो यह गंभीर बात है। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। लेकिन अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो हम इसका स्पष्ट जवाब दे सकते हैं।”
दरअसल जब बीजेपी विपक्ष में थी तब बीजेपी ने महंगाई को यूपीए सरकार के खिलाफ खूब प्रदर्शन किया था और ज्यादातर प्रदर्शनों में स्मृति ईरानी नजर आती थीं। अब मोदी सरकार में बढती महंगाई को लेकर एनसीपी और कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता स्मृति ईरानी के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंची थीं। वहीं एनसीपी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर मार-पीट का आरोप लगाया है। एनसीपी के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एनसीपी की एक महिला कार्यकर्ता के साथ मारपीट की है।
इस घटना में पुलिस ने एनसीपी की महिला कार्यकर्ता विशाखा गायकवाड को हिरासत में लिया है। वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने उस महिला से फोन से फ़ोन पर बातचीत की, जिसके साथ कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी।