महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पर शिवसैनिकों और अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के बीच दिनभर चली घमासान के बाद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। कई घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच केस दर्ज करने के बाद सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा को पुलिस स्थानीय खार पुलिस स्टेशन ले गई। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा को चुनाव जीतने की चुनौती देते हुए कहा कि जो भी उनकी पार्टी के धैर्य की परीक्षा लेगा उसे जमीन में 20 फुट नीचे गाड़ दिया जाएगा।

उसी भाषा में उत्तर देने का अधिकार- दिन भर चले बवाल के बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि वो लोग किसी से डरने वाले नहीं हैं। महाराष्ट्र में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। संजय राउत ने कहा कि अगर कोई बाहर से आकर मातोश्री पर हनुमान चालीसा का पाठ करने और हमारे आवास में घुसने का प्रयास करते हैं तो हमें भी उसी भाषा में उत्तर देने का अधिकार है।

नवनीत राणा का बीजेपी दे रही साथ- संजय राउत ने कहा कि कुछ फर्जी लोग राज्य का माहौल खराब करना चाहते हैं और बीजेपी उनका समर्थन कर रही है। राउत ने कहा, ‘‘मैं उनसे शिवसेना और मतोश्री के साथ नहीं खेलने का अनुरोध करता हूं, वरना उन्हें जमीन में 20 फुट नीचे गाड़ दिया जाएगा। शिव सैनिकों के धैर्य की परीक्षा ना लें। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रही नवनीत राणा का बीजेपी साथ दे रही है।

दरअसल, नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया था। उनके इस ऐलान के बाद गुस्साए शिवसैनिकों ने शनिवार (23 अप्रैल 2022) की सुबह नवनीत राणा के घर के बाहर खूब हंगामा किया। भारी संख्या में कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस गए। हालांकि, राणा दंपती ने दोपहर में अपनी काही बात से पीछे हटते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सम्मान समारोह में हिस्सा लेने के लिए रविवार (24 अप्रैल 2022) को मुंबई आ रहे हैं और इस दौरान वे कानून-व्यवस्था में कोई अड़चन नहीं डालना चाहते हैं।

संजय राउत ने दावा किया कि अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया। यह घोटाला है और केंद्र उनकी मदद कर रहा है। वह उहाई कोर्ट में मुकदमा हार गईं और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है।