महाराष्ट्र की पुणे पुलिस प्रतिबंधित संगठन सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं की जांच मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंस से पूछताछ कर सकती है। दरअसल हाल के दिनों संगठन के जिन हाई-प्रोफाइल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, उनके एक पत्र में कथित तौर पर दिग्विजय सिंह का मोबाइल नंबर लिखा मिला है। पुणे पुलिस का दावा है कि वो पत्र उन्होंने सीपीआईएम कार्यकर्ताओं से जब्त किया है। 25 सितंबर, 2017 को लिखे इस पत्र में ‘कॉम प्रकाश’ ने कथित तौर पर ‘कॉम सुरेंद्र’ को बताया कि छात्रों का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने के लिए कांग्रेस नेता उनकी मदद करने को बहुत इच्छुक हैं। इस पत्र में कथित तौर पर एक नंबर भी लिखा है, जिसमें ‘कॉम सुरेंद्र’ इस मामले में मदद के लिए उपयुक्त नंबर पर बात कर सकता है। यह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का फोन नंबर है। पुणे पुलिस के मुताबिक ‘कॉम सुरेंद्र’ सुरेंद्र गाडलिंग का संदर्भ है, जोकि नागपुर के वकील हैं, उन्हें जून में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जबकि कॉम प्रकाश सीपीआईएम के चोटी के नेताओं में से एक हैं।

पत्र पर लिखा कंटेंट तब सार्वजनिक हुआ जब पुणे पुलिस ने गिरफ्तार एक्टिविस्ट के टॉप माओवादी लीडरशिप संग संबंध साबित करने के लिए पत्र को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया। उस समय दिग्विजय सिंह ने सरकार से कहा था कि हिम्मत है तो उन्हें गिरफ्तार करे। मध्य प्रदेश के सतना में सिंह ने कहा था, ‘अगर मैं दोषी हूं… तो मैं केंद्र सरकार और राज्य सरकार को चुनौती देता हूं कि वो मुझे गिरफ्तार करें।’ मामले में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस सुहास बावचे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पत्र में लिखे कंटेंट की जांच की जा रही है। हालांकि उन्होंने पत्र में लिखी बातों को साझा करने से इनकार कर दिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया फोन नंबर सिंह से जुड़े होने का पता लगाया गया और उनसे पूछताछ की संभावना है। मगर यह नहीं बताया कि पूछताछ कितनी जल्दी होने की संभावना है। बता दें इस साल जून में पुणे पुलिस ने पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इसमें सुरेंद्र गडलिंग और नागपुर के प्रोफेसर शोमा सेन शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना सहित कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस केस में पुलिस ने पांच और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार लोगों को घर में नजरबंद की इजाजत दी। गौरतलब है कि पुलिस ने इस केस में अभी तक कुल 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।