महाराष्ट्र के पुणे से व्यवसायी अविनाश भोंसले के घर से केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर जब्त किया है। सीबीआई व्यवसायी के घर पर छापेमारी कर रही थी और इस दौरान घर के अंदर अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मिला, जिसे सीबीआई ने जब्त कर लिया। अविनाश भोंसले पहले से ही 34 हजार करोड़ के बैंक फ्रॉड मामले में गिरफ्तार हैं। बता दें कि डीएचएफएल का बैंक घोटाला अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है।

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर 20 जून को सीबीआई ने धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के वाधवान बंधुओं और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन सभी पर आरोप है कि डीएचएफएल के फर्जी खातों में 34,615 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई और यह हेराफेरी यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के साथ की गई।

सभी पर आरोप है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल), इसके तत्कालीन मुख्य प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन, व्यवसायी सुधाकर शेट्टी और अन्य आरोपियों ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के संघ को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची। सीबीआई का यह भी आरोप है कि अविनाश भोसले की कंपनियों ने 2018 में डीएचएफएल से करीब 69 करोड़ रुपए कमीशन के तौर पर हासिल किए थे। इसे कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए लिया गया चार्ज लेना बताया गया था।

सीबीआई ने इस धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल, कपिल वधावन, धीरज वधावन, स्काईलार्क बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड, दर्शन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिगटिया कंस्ट्रक्शन बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शिशिर रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड, सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और अन्य को मामले में आरोपी बनाया है और मुकदमा दर्ज किया है।

सोमवार को ही यस बैंक-डीएचएफएल लोन फ्रॉड मामले में सीबीआई ने एक चार्जशीट दाखिल की थी और इस चार्जशीट में अविनाश भोंसले और सत्येंद्र टंडन का भी नाम शामिल है। अविनाश भोसले को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सीबीआई की चार्जशीट में कई कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। जून 2021 में रिजर्व बैंक ने भी डीएचएफएल पर कार्रवाई की थी।