मध्य प्रदेश में सियासी घटनाक्रम और दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने पर बुधवार (11 मार्च, 2020) को शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत ने प्रति दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र में भी सरकार बनाने की कोशिश की, मगर पार्टी कामयाब नहीं हो पाई। शिवसेना सांसद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘यहां कोई ऑपरेशन कामयाब नहीं होगा। ऑपरेशन थियेटर में हमारे जैसे सर्जन बैठे हैं। अगर कोई ऐसा करने के लिए आता है तो उसका ही ऑपरेशन कर देंगे।’
राउत ने भरोसा जताया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार सुरक्षित है और ‘मध्य प्रदेश वायरस’ पश्चिमी राज्य में प्रवेश नहीं करेगा। शिवसेना महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चला रही है। वहीं, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर है क्योंकि राज्य में कांग्रेस के 22 विधायकों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राउत ने कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। शिवसेना नेता ने मराठी में ट्वीट भी किया, ‘मध्य प्रदेश वायरस महाराष्ट्र में नहीं घुसेगा। महाराष्ट्र की सत्ता अलग है। 100 दिन पहले एक अभियान विफल हो गया था। महा विकास अघाड़ी ने बाईपास सर्जरी की और महाराष्ट्र को बचाया।’
इसी बीच मध्य प्रदेश की सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने विधानसभा में कमलनाथ सरकार के बहुमत साबित करने का विश्वास जताते हुए बुधवार को दावा किया कि 22 बागी विधायकों में 13 ने कांग्रेस नहीं छोड़ने का भरोसा दिया है। सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं से यह समझ पाने में गलती हुई कि सिंधिया कांग्रेस छोड़ने जैसा कदम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह गलती हमसे हुई कि हम यह नहीं समझ पाए कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया। चार बार सांसद बनाया, दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया और कार्य समिति का सदस्य बनाया।’
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि सिंधिया के भाजपा में जाने का षड्यंत्र तीन महीने से चल रहा था और वह कैबिनेट मंत्री बनने की ‘अतिमहात्वाकांक्षा’ के चलते भाजपा में शामिल हुए हैं। सिंह ने कहा, ‘क्रोनोलॉजी यह है कि सबकुछ तब शुरू हुआ जब गुड़गांव के एक होटल से अपने विधायकों को वापस भोपाल ले आए।’ उन्होंने यह दावा भी किया कि जब प्रदेश भाजपा के नेता कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में विफल रहे तब अमित शाह ने सिंधिया को इस काम में लगाया। (एजेंसी इनपुट)