प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुंबई में रविवार को पहले लता दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड से सम्मानित किया गया। परिवार के ट्रस्टियों द्वारा तय किए गए नियम के अनुसार लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार हर वर्ष केवल एक व्यक्ति को दिया जाएगा। पीएम मोदी स्वयं इस कार्यक्रम के लिए मुंबई पहुंचे थे लेकिन लोग हैरान उस वक्त रह गए जब इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नहीं पहुंचे। उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम में ना पहुँचने की वजह उनकी नाराजगी बताई जा रही है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेन्द्र आव्हाड ने बताया कि आमंत्रण पत्र पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम नहीं लिखा था जो महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों का अपमान है। जितेन्द्र आव्हाड ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “मंगेशकर परिवार ने लता मंगेशकर पुरस्कार समारोह के निमंत्रण पत्र पर मुख्यमंत्री का नाम लिखने से परहेज किया। उनकी भूमिका समझ से बाहर है। मंगेशकर परिवार का यह कृत्य 12 करोड़ मराठी लोगों का अपमान है।”

जब महाराष्ट्र में पीएम मोदी पुरस्कार समारोह में हिस्सा ले रहे थे उस दौरान उद्धव ठाकरे अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ 80 वर्षीय शिवसेना महिला कार्यकर्ता चन्द्रभाग शिंदे से मुलाकात कर रहे थें। चंद्रभाग शिंदे नवनीत राणा और रवि राणा के खिलाफ उनके आवास के बाहर चल रहे प्रदर्शन में शामिल थीं और अपने नारों के साथ उन्होंने सभी को प्रभावित किया।

पीएम मोदी ने अवार्ड समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने पुरस्कार को देशवासियों को समर्पित कर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि, “जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं, उसी तरह उनके नाम से मुझे दिया गया यह पुरस्कार भी जन-जन का है। मैं इसे सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हम सब संगीत के सामर्थ्य को लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है।”

बता दें कि जब पीएम मोदी महाराष्ट्र में थे उस समय राज्य की राजनीति का तापमान भी चढ़ा हुआ था। हनुमान चालीसा विवाद के कारण बीजेपी और शिवसेना के बीच तीखी जुबानी जंग चल रही है। हनुमान चालीसा विवाद के पीछे शिवसेना, बीजेपी का हाथ बताती है तो वहीं बीजेपी उद्धव सरकार पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाती है।