उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के गुटों की तरफ से शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई नित नए आयाम ले रही है। स्पीकर चुनाव से पहले असेंबली में स्थित शिवसेना के दफ्तर को सील कर दिया गया। मराठी में एक नोटिस मुख्य द्वार पर चस्पा किया गया है। आदित्य ठाकरे का कहना है कि उन्होंने खुद अपने दफ्तर पर ताला मारा। चाभी उनके पास है। उनका कहना है कि शिंदे ग्रुप ने उनके विधायकों को ताले में बंद करके रखा। अगर उन्होंने दफ्तर पर ताला मार दिया तो इसमें कोई अचरज की बात नहीं होनी चाहिए। उधर, इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक शिंदे गुट ने शिवसेना के दफ्तर को सील किया है।

महाराष्ट्र असेंबली में फिलहाल स्पीकर का चुनाव चल रहा है। उद्धव ठाकरे की ओर से सुनील प्रभु और एकनाथ शिंदे की ओर से भारत गोगावाले ने व्हिप जारि किया। उद्धव ठाकरे से बगावत कर मराठी सियासत में हलचल मचाने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ये पहला शक्ति प्रदर्शन है। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल स्पीकर पोस्ट के लिए वोटिंग करा रहे हैं।​​​​

सूबे के सियासी हालात नाजुक हैं इस वजह से स्पीकर के चुनाव को लेकर खास एहतियात बरती जा रही है। विधानसभा कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। असेंबली में 9 कैमरे लगाए गए हैं। एक कैमरा विधानसभा अध्यक्ष की चेयर पर लगाया गया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि शतरंज में वजीर और जिंदगी में जमीर अगर मर जाए तो समझो खेल खत्म। हमारा वजीर और जमीर अभी जिंदा है। हम बचेंगे भी और लड़ेंगे भी।

शिवसेना के बागी विधायक शनिवार रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ वापस मुंबई लौट आए। इनकी वापसी 11 दिन बाद हुई है। सभी बागी विधायक मुख्यमंत्री के साथ मुंबई के होटल ताज पहुंचे। यहां बीजेपी नेताओं और शिवसेना के बागी विधायकों ने आगे की रणनीति तैयार की। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी बागी विधायकों से मिलने ताज पहुंचे थे।

ध्यान रहे कि 20 जून को एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के करीब 20 विधायक सूरत पलायन कर गए थे। एहतियात के तौर पर विधायकों को फिर गुवाहाटी ले जाया गया। इस बीच गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया। शिवसेना सुप्रीम कोर्ट गई। वहां से फैसला उलट होने के बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।