महाराष्ट्र के राजनीतिक संग्राम के बीच शिवसेना में बगावत बढ़ती जा रही है। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत के एक बयान के बाद सियासत गरमाई हुई है। मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि एमवीए ने सीएम उद्धव ठाकरे को समर्थन देने का फैसला किया। मेरा मानना है कि एक बार शिवसेना विधायक मुंबई लौट आएंगे तो स्थिति बदल जाएगी। जबकि, एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक ‘‘राष्ट्रीय दल’’ ने उनकी बगावत को ऐतिहासिक करार देने के साथ ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इस बीच, शिवसेना के कुछ और विधायक गुवाहाटी के होटल पहुंचे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शिवसेना के तीन विधायक और पांच निर्दलीय आज रात सूरत पहुंचेंगे।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, “भाजपा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, भाजपा शिवसेना को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। महा विकास अघाड़ी सरकार अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे करेगी। कांग्रेस एमवीए के साथ खड़ी है। जरूरत पड़ी तो हम महा अघाड़ी सरकार को बाहर से भी समर्थन कर सकते हैं।” दूसरी तरफ, शरद पवार की अध्यक्षता में हो रही एनसीपी की बैठक समाप्त हो गई है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि हमारे महाराष्ट्र के नेता देवेंद्र फडणवीस और हमारे सभी केंद्रीय नेता इस पर नजर रखे हुए हैं। वह (देवेंद्र फडणवीस) राज्य के हित में निर्णय लेने में सक्षम हैं।
वहीं एनसीपी ने आज शाम 5 बजे अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। इसको लेकर एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि आज शाम 5 बजे मैंने अपने सभी विधायकों को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। जिससे उन्हें महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से अवगत कराया जा सके। इस बैठक में पार्टी प्रमुख शरद पवार भी होंगे।
जयंत पाटिल ने बताया, “हमने शरद पवार के आवास पर एक बैठक की थी। इसमें पिछले 3-4 दिनों में हुई घटनाओं का आंकलन किया गया। पवार साहब ने हमसे कहा कि सरकार बनी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए हमें वह सब कुछ करना चाहिए, जिसकी जरूरत है। हम उद्धव ठाकरे के साथ खड़े होंगे।”
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ शिवेसना के 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस समय मुझे कुल 50 से अधिक विधायकों का समर्थन है। वहीं शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे आज कोई बैठक नहीं करेंगे। हालांकि कुछ विधायक सरकारी काम से वर्षा बंगले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नितिन देशमुख एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। बता दें कि नितिन देशमुख कल ही सूरत से नागपुर लौटे हैं। वहीं गुवाहाटी में जिस होटल में शिवसेना के बागी विधायक ठहरे हैं, उसके सामने टीएमसी नेताओं का हंगामा शुरू हो गया है। होटल के सामने TMC नेता और कार्यकर्ताओं ने धरने देते हुए कहा है कि एक तरफ असम में बाढ़ के हालात हैं और दूसरी तरफ यहां राजनीति चालें चली जा रही हैं। टीएमसी नेता ने कहा कि ये सब राजनीतिक महाराष्ट्र में जाकर करनी चाहिए।
महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच NCP चीफ शरद पवार के आवास पर एक घंटे की बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक में डिप्टी सीएम अजीत पवार, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड और पार्टी नेता सुनील तटकरे शामिल हुए।
मुंबई में लगे एकनाथ शिंदे के पोस्टर: महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की पेशकश के बाद जहां उनके समर्थकों ने उनके साथ खड़े रहने की बात कही तो वहीं अब शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थन में मुंबई में पोस्टर लगाए गये हैं। पोस्टर में एकनाथ शिंदे और बाल ठाकरे की फोटो है। इसमें लिखा है, “साहेब आगे बढ़ो, हम आपके साथ है।” उधर उद्धव-पवार की मीटिंग के बाद शिवसेना के तेवर अलग दिख रहे हैं। संजय राउत बोले कि उद्धव ठाकरे ही सीएम रहेंगे और जरूरत पड़ी तो असेंबली के फ्लोर पर ताकत दिखाएंगे।
Maharashtra Political Crisis Highlights: शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे क्या गिरा पाएंगे उद्धव ठाकरे की सरकार, क्या है बीजेपी का प्लान, पढ़ें
महाराष्ट्र के शिवसेना के कुछ और विधायक गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे हैं जहां एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ ठहरे हैं।
पवार बोले- मैं कह सकता हूं कि हम इस संकट से उबर कर आएंगे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार अच्छे से चलेगी।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, “भाजपा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, भाजपा शिवसेना को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। महा विकास अघाड़ी सरकार अपने कार्यकाल के 5 साल पूरे करेगी। कांग्रेस एमवीए के साथ खड़ी है। जरूरत पड़ी तो हम महा अघाड़ी सरकार को बाहर से भी समर्थन कर सकते हैं।”
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि वे सीएम उद्धव ठाकरे के साथ आखिर तक खड़े रहेंगे और हालात पर नजरें बनाए हुए हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने के लिए एक स्थिर सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा और केंद्र पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर एनसीपी नेताओं की बैठक समाप्त हो गई है। इस बैठक में शरद पवार भी शामिल हुए थे।
शिवसेना के बागी विधायक तानाजी सावंत ने कहा, "कैलाश पाटिल मनगढ़ंत कहानियां बताकर 'मातोश्री' (उद्धव ठाकरे) की हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वह मीडिया के सामने झूठ बोल रहे हैं। हमने उनके सूरत से मुंबई लौटने की व्यवस्था की थी। एकनाथ शिंदे ने किसी पर दबाव नहीं बनाया था।"
संजय राउत के बयान पर एनसीपी नेता छगन भुजबल बोले- अगर संजय राउत ने जो कहा वह सही है ... अगर वे (शिवसेना) उस रास्ते पर जाना चाहते हैं (एमवीए से बाहर निकलने) तो उन्हें हमारे नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात करनी चाहिए। उन्हें कोई नहीं रोक सकता, हर पार्टी अपने रास्ते पर जा सकती है।
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने ट्वीट किया, "महाराष्ट्र विकास अघाड़ी महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के लिए गठित सरकार है। हम अंत तक उद्धव ठाकरे के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।"
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि हमारे महाराष्ट्र के नेता देवेंद्र फडणवीस और हमारे सभी केंद्रीय नेता इस पर नजर रखे हुए हैं। वह (देवेंद्र फडणवीस) राज्य के हित में निर्णय लेने में सक्षम हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के सियासी संग्राम के बीच दावा किया कि उद्धव ठाकरे बहुत जल्द वर्षा बंगले में वापस आएंगे। गुवाहाटी में मौजूद 21 विधायकों ने हमसे संपर्क किया है और जब वे मुंबई लौटेंगे, तो वे हमारे साथ आएंगे।
महाराष्ट्र में बने सियासी माहौल के बीच शिवसेना ने अर्जेंच बैठक बुलाई है। इसमें शिव सेना के सभी पदाधिकारियों को बुलाया गया है। बता दें कि ये मीटिंग दादर में स्थित शिव सेना भवन में होगी।
महाराष्ट्र के राजनीतिक संग्राम के बीच शिवसेना ने पार्टी की मीटिंग बुलाई। जिसमें कुल 55 विधायकों में से महज 12 विधायकों के हिस्सा लेने की खबर है।
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के एक बागी विधायक का पत्र शेयर किया है। जिसमें लिखा गया है कि राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के विधायकों को मुख्यमंत्री आवास(वर्षा बंगला) जाने का मौका नहीं मिलता। सीएम के आसपास मौजूद लोग तय करते थे कि शिवसेना विधायक उनसे मिल सकते हैं या नहीं। हमें अपमानित महसूस हुआ।
पत्र में लिखा है कि सीएम कभी सचिवालय में नहीं होते थे, बल्कि मातोश्री (ठाकरे पारिवारिक निवास) में रहते थे। हम सीएम के आस-पास के लोगों को फोन करते लेकिन वे कभी हमारे कॉल्स नहीं उठाते थे। हम इन सब बातों से तंग आ चुके थे। इसके बाद ही एकनाथ शिंदे को यह कदम उठाने के लिए राजी किया।
आगे लिखा है, "जब हम सीएम से नहीं मिल पाए, लेकिन 'असली विपक्ष' कांग्रेस और एनसीपी के लोगों को उनसे मिलने का मौका मिलता था और यहां तक कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम के लिए फंड भी दिया जाता था।"
शिव सेना के विधायक द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि जब हिंदुत्व और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका। आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान विधायकों को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया।
गुरुवार की शाम 5 बजे एनसीपी विधायकों की मीटिंग होगी। जिसमें शरद पवार भी शामिल होंगे। इसमें आगे की रणनीति तय होगी। वहीं इस मीटिंग से पहले शरद पवार के आवास पर एक बैठक हुई है। एक घंटे तक चली इस बैठक के बाद एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि फ्लोर टेस्ट की नौबत आएगी। इस मामले को हम बातचीत से सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बचाने की पूरी कोशिश होगी।
गुवाहाटी में जिस होटल में शिवसेना के बागी विधायक ठहरे हैं, उसके सामने टीएमसी नेताओं का हंगामा शुरू हो गया है। होटल के सामने TMC नेता और कार्यकर्ताओं ने धरने देते हुए कहा है कि एक तरफ असम में बाढ़ के हालात हैं और दूसरी तरफ यहां राजनीति चालें चली जा रही हैं।
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि आज शाम 5 बजे हमने अपने सभी विधायकों को एक बैठक के लिए बुलाया है। जिससे उन्हें महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम से अवगत कराया जा सके। इस बैठक में पार्टी प्रमुख शरद पवार भी होंगे।
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ शिवेसना के 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस समय मुझे कुल 50 से अधिक विधायकों का समर्थन है।
महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीज NCP चीफ शरद पवार की बड़ी बैठक शुरू हो गई है। इसमें उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड और पार्टी नेता सुनील तटकरे शामिल हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि गुवाहाटी में मौजूद 20 विधायक उनकी तरफ है। उन्होंने कहा कि हमारे संपर्क में लगभग 20 विधायक हैं। वे जब मुंबई आएंगे तब इसका खुलासा होगा कि आखिर किस हालात में वो वहां पहुंचे। राउत ने कहा कि जो ED के दबाव में पार्टी छोड़ दे, वह बालासाहेब का भक्त नहीं हो सकता।
राघव चड्ढा ने कहा कि एक भाजपा पार्टी थी अटल बिहारी वाजपेयी साहब की जिसने 1 वोट कम होने की वजह से सरकार को लात मार दी और दूसरी भाजपा पार्टी ये है जो जोड़-तोड़ की सरकार बनाने में और विधायक खरीदने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि लोग भाजपा को हराने के लिए वोट करते हैं लेकिन भाजपा विधायक खरीद कर कृत्रिम बहुमत बनाने की कोशिश करती है। ये लोग देख रहे हैं और सही समय पर इसका जवाब भाजपा से लेंगे।
मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि डमी कार और डायलिसिस की सरकार बहुत दिन नहीं चलती। डमी कार और डायलिसिस की सरकार चलाकर, जुगाड़, जोड़तोड़ से जनादेश का अपहरण कर अगर कोई समझता है कि यह चलता रहेगा तो ऐसा नहीं है। ऐसी सरकार चलाने वालों को इसका एहसास हुआ है।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की पेशकश के बाद जहां उनके समर्थकों ने उनके साथ खड़े रहने की बात कही तो वहीं अब शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थन में मुंबई में पोस्टर लगाए गये हैं। पोस्टर में एकनाथ शिंदे और बाल ठाकरे की फोटो है। इसमें लिखा है, "साहेब आगे बढ़ो, हम आपके साथ है।"
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार में पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के तीन और बागी विधायक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल पहुंचे।
एक तीर से कई निशाने
दरअसल देश के प्रथम नागरिक को चुनने के लिए होने जा रहे चुनाव के जरिए बीजेपी 2024 के लोक सभा चुनाव और आगामी विधान सभा चुनावों के समीकरणों को भी ध्यान में रख रही है। इस तरह बीजेपी एक तीर से कई अचूक निशाने लगाने की जुगत भिड़ा रही है। बताते चलें कि लोक सभा की 543 सीटों में से 47 एसटी कैटेगिरी के लिए आरक्षित हैं। 62 लोक सभा सीटों पर सीधे-सीधे आदिवासी समुदाय प्रभावी है। इसी तरह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में भी आदिवासी वोटर निर्णायक स्थिति में है।
सपा-बसपा के लिए मुश्किलेंवर्ष 2017 में जब रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया था तो सपा और बसपा ने उनको समर्थन दे दिया था। इसका कारण तब बताया गया था कि रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। भले ही उस समय वे बिहार के राज्यपाल थे, लेकिन कानपुर कनेक्शन के कारण समाजवादी पार्टी ने उन्हें समर्थन दिया। वहीं, बहुजन समाज की राजनीति करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने समर्थन की घोषणा कर खुद को इस वर्ग से जोड़े रखने की कोशिश करती दिखी थीं। मायावती ने तब कहा भी था कि वे भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन दलित समाज के उम्मीदवार को समर्थन देंगे। सपा और बसपा के समर्थन की घोषणा के बाद भाजपा उम्मीदवार के आराम से जीतने की संभावना प्रबल हो गई थी। अब एक बार फिर इन दोनों दलों पर हर किसी की निगाह है।
शिंदे ने नहीं खोले पत्ते, फडणवीस की चुप्पी से बढ़ा संदेहमहाराष्ट्र में पर्दे के पीछे का क्या गणित है इसका खुलासा नहीं हुआ है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने मंगलवार शाम तक अपने पत्ते नहीं खोले। वहीं, राजनीतिक हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की चुप्पी से संदेह बढ़ गया है। शिवसेना के नाराज नेता एकनाथ शिंदे की शिवसेना में अहमियत रही है। उनके अचानक बागी होने से पूरा राजनीतिक समीकरण ही बदल गया है।
फडणवीस ने निर्दलीयों को साधाराजनीतिक विश्लेषकों का कहना है, लाड की जीत से साफ है कि शिवसेना और कांग्रेस के कई विधायकों ने अपने दल के बजाय भाजपा के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस निर्दलियों से भी समर्थन हासिल करने में सफल रहे।
पर्दे के पीछे की कहानी... नंबर गेम में यूं आगे हुई भाजपाविधान परिषद की कुल 30 में से 10 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने पांच उम्मीदवार उतारे थे जबकि उसके पास संख्या केवल चार को जिताने लायक ही थी। लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से हुई क्रॉस वोटिंग और निर्दलियों के समर्थन ने उसका रास्ता साफ कर दिया। राज्यसभा की तरह तरजीही आधार पर हुए चुनाव के पहले राउंड में भाजपा को चार, राकांपा-शिवसेना को दो-दो और कांग्रेस को एक सीट मिली।
शिंदे ने नहीं खोले पत्ते, फडणवीस की चुप्पी से बढ़ा संदेहमहाराष्ट्र में पर्दे के पीछे का क्या गणित है इसका खुलासा नहीं हुआ है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने मंगलवार शाम तक अपने पत्ते नहीं खोले। वहीं, राजनीतिक हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की चुप्पी से संदेह बढ़ गया है। शिवसेना के नाराज नेता एकनाथ शिंदे की शिवसेना में अहमियत रही है। उनके अचानक बागी होने से पूरा राजनीतिक समीकरण ही बदल गया है।
Maharashtra News : महाराष्ट्र विधान परिषद में क्रॉस वोटिंग के बाद शिवसेना में हंगामा शुरू हुआ। पार्टी में उद्धव ठाकरे के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले और महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार में शहरी विकास और लोक निर्माण मामलों के मंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अचानक पार्टी से संपर्क तोड़ लिया। खबर आई कि वह शिवसेना विधायकों के साथ सूरत रवाना हो चुके हैं। एकनाथ शिंदे ठाणे के कोपरी पचपखाड़ी से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में 10 सीटों में से 5 सीटें बीजेपी ने जीतीं, जबकि शिवसेना और एनसीपी को दो-दो सीटों पर संतोष करना पड़ा। वहीं, कांग्रेस के खाते में बस एक सीट आई। विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर शिवसेना ने बैठक बुलाई थी, जिसके बाद से ही बगावत का दौर शुरू हो गया और अब उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट मंडरा रहा है।