महाराष्ट्र में शिंदे सरकार का गठन हुए 29 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक कैबिनेट का गठन नहीं हुआ है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके सम्बन्ध में सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि कैबिनेट विस्तार दो से तीन दिनों में हो जायेगा। वहीं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक तारीख निर्धारित करने से इनकार कर दिया लेकिन यह कहा कि मंत्रियों को विभागों को जल्द ही आवंटित किया जाएगा।

सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के लिए एकनाथ शिंदे गुट के सामने “आंतरिक अशांति” जिम्मेदार है। सूत्र ने कहा कि असली बात यह है कि विधायकों को इस हकीकत से रूबरू कराया जाए कि वे सभी अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकते और सभी विधायक मंत्री नहीं बन सकते।

भारतीय जनता पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि बीजेपी अभी वेट एंड वाच की स्थिति में है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “हमें काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शिंदे गुट पर नजर डालें तो वहां 50 विधायक हैं। इनमें 40 विधायक शिवसेना के हैं। हर कोई मंत्री बनना चाहता है। कुल मिलाकर महाराष्ट्र में सीएम सहित 43 मंत्री हो सकते हैं।”

भाजपा के एक पॉलिटिकल मैनेजर ने कहा, “अगर हम कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार में गठबंधन सरकारों के पिछले उदाहरणों को देखें, तो मंत्रिमंडल का विस्तार करने के लिए एक महीने का समय लंबा नहीं है।” वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि असली शिवसेना कौन है या सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। मामले की सुनवाई 1 अगस्त को सूचीबद्ध है।

भाजपा के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि समस्या शिंदे गुट तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि 106 विधायकों वाली भाजपा एक बड़ी पार्टी है। इसे सेकेंडरी भूमिका निभाते हुए नहीं देखा जा सकता। इसके समर्थन के बिना शिंदे गुट महाराष्ट्र पर शासन नहीं कर सकता।

एक सूत्र ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य मंत्रिमंडल को तैयार करने में और मंत्री पद के उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने से लेकर विभागों के बंटवारे तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं।