महाराष्ट्र में हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व सीएण अशोक चव्हाण समेत 11 विधायकों के अनुपस्थित रहने का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण समेत, कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार, प्रणिती शिंदे, जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, धीरज देशमुख, कुणाल पाटील, राजू आवले, मोहन हंबर्डे, माधवराव जवलगोनकर और शिरीष चौधरी विधायक शामिल नहीं हुए।

कांग्रेस आलाकमान भी उनके रवैया को गंभीरता से ले रहा है। देवेंद्र फडणवीस ने इन विधायकों की चुटकी लेते हुए उनका शुक्रिया अदा किया। उनका कहना था कि इनकी वजह से उनकी जीत का अंतर बढ़ गया।

हालांकि अशोक चव्हाण का कहना है कि वो दो या तीन मिनट ही लेट हुए थे पर असेंबली के दरवाजे उस समय तक बंद हो गए थे। AICC के महाराष्ट्र इंचार्ज एचके पाटिल का कहना है कि 8 विधायक लेट आए और उन्हें लाबी में बैठना पड़ा। हो सकता है कि वो बारिश और जाम में फंस गए हों पर ये कारण स्वीकार करने लायक नहीं हैं। उधर चर्चा इस बात की भी रही कि ये विधायक कहीं दूसरी पार्टी में शामिल तक नहीं हो रहे?

सोमवार को विश्वास मत के दौरान महा विकास आघाड़ी 99 वोटों पर निपट गई। इसमें भी उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के 10 विधायक फ्लोर टेस्ट में अनुपस्थित रहे। इसके अलावा उद्धव ठाकरे के हिंगोली के विधायक संतोष बांगर ने भी एकनाथ शिंदे को समर्थन देते हुए मतदान किया। अब उद्धव समर्थन दल की संख्या 16 से घटकर 15 रह गई है।

सोमवार को विधानसभा में शिंदे-फडणवीस सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करना था, जिसको लेकर भाजपा, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को अधिवेशन में उपस्थित रहने का व्हिप रविवार को जारी कर दिया था। सोमवार सुबह 11 बजे स्पीकर ने सूचना जारी कर बहुमत साबित करने की सूचना देने के बाद विधायकों का हेड काउंटिंग के जरिए मतदान शुरू हुआ। शिंदे-फडणवीस सरकार ने 164 वोट पाकर जीत हासिल की। रविवार को हुए स्पीकर चुनाव में शिंदे-फडणवीस को 164 वोट मिले थे।