महाराष्ट्र विधानसभा विशेष सत्र के दूसरे दिन सीएम एकनाथ शिंदे अपने भाषण के दौरान भावुक हो गए। अपने बच्चों को याद करके उनकी आंखे भर आईं। वे लगभग 22 साल पुरानी घटना को याद करके इमोशनल हो गए। तब उनकी आंखों के सामने बेटे दीपेश (11) और बेटी शुभदा (7) की एक नदी में डूबकर मौत हो गई थी।
विश्वासमत हासिल करने के बाद अपने संबोधन में शिंदे ने आगे कहा, ‘उन्होंने मेरे परिवार पर हमला किया। मेरे पिता जीवित हैं, मेरी मां की मृत्यु हो गई। मैं अपने माता-पिता को ज्यादा समय नहीं दे सका। जब मैं आता तो वे सो जाते और जब मैं सो जाता तो काम पर चले जाते। मैं ज्यादा समय नहीं दे पाता था। मेरे दो बच्चों की मौत हो गई – तब आनंद दीघे ने मुझे सांत्वना दी और मेरा समर्थन किया। मैं सोचता था, जीने के लिए क्या है? मैं अपने परिवार के साथ रहूंगा।’
शिंदे ने आगे कहा, ‘हम शिवसैनिक हैं और हम हमेशा बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक रहेंगे। मैं आप सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि वह कौन था जिसने बाला साहब के मतदान पर 6 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था..।’
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्हें एमवीए सरकार में शुरू में सीएम बनाया जाना था। लेकिन बाद में अजीत पवार या किसी ने कहा कि उन्हें सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए। शिंदे ने कहा कि मुझे कोई समस्या नहीं थी और मैंने उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ने के लिए कहा और मैं उनके साथ था। मैंने उस पोस्ट पर कभी नजर नहीं डाली।
महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि आज भारी बहुमत से ये सरकार बनी है, यह बाला साहेब ठाकरे के आशीर्वाद से हुआ है। उनके हिंदुत्व के विचार को हम आगे ले जाएंगे। हम बाला साहेब के स्मारक पर पहुंचे हैं और उनका अभिवादन किया है। मैं, देवेंद्र फडणवीस और मेरे बाकी साथी इस राज्य का विकास करेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को सदन के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन राज्य विधानसभा में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण में जीत हासिल की। 288 सदस्यीय सदन में164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जबकि 99 ने इसके खिलाफ मतदान किया। तीन विधायक वोटिंग से दूर रहे, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार समेत 21 विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहे।