महाराष्ट्र में जो सियासी ड्रामा पिछले कुछ दिनों में हुआ, उससे लगता था कि शिंदे सरकार विश्वास मत जीतने के बाद उद्धव गुट को ठिकाने लगाने के लिए तेजी से काम करेगी लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा। सीएम एकनाथ शिंदे के साथ बीजेपी भी मान रही है कि उद्धव ठाकरे को छेड़ना ठीक नहीं है। इसकी दो बड़ी वजह हैं। पहली ये कि उद्धव अभी भी शिवसेना कैडर में अपनी पकड़ रखते हैं। दूसरी ये कि सरकार चाहती है कि सदन की कार्यवाही में कोई बाधा न पड़े। अगर वो उद्धव के साथ गए विधायकों को अयोग्य घोषित करने की राह पर चलते हैं तो असेंबली की कार्यवाही ठीक से नहीं चल पाएगी।
उद्धव गुट के विधायकों पर कोई एक्शन न लिए जाने की एक बड़ी वजह ये भी है कि बीजेपी नहीं चाहती कि उसके सिर ये ठीकरा फोड़ा जाए कि वो उद्धव ठाकरे को खत्म करना चाहती है। यही वजह रही कि उद्धव के साथ गए विधायकों को जब व्हिप के उल्लंघन का नोटिस दिया गया तो आदित्य ठाकरे उसमें शामिल नहीं थे। बीजेपी के एक नेता का कहना है कि आदित्य बाल ठाकरे का खून हैं। उन पर एक्शन शिवसैनिकों को भड़का सकता है। ये उनको भारी पड़ सकता है।
बीजेपी के एक नेता का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस भी मान रहे हैं कि उद्धव के खिलाफ लड़ाई एक हद तक ही रहे। अगर ये ज्यादा बढ़ी तो ठाकरे परिवार को फायदा भी हो सकता है। अब सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है और स्पीकर भी उनकी पसंद का बन चुका है तो लड़ाई की कोई वजह नहीं। उद्धव को अपने आप में सिमटा रहने दो। चुनाव आएंगे तो देखा जाएगा। उधर, एकनाथ शिंदे ने भी उद्धव के खराब बर्ताव का जिक्र तो किया लेकिन ये भी कहा कि वो बदले की राजनीति नहीं करने जा रहे। यानि सरकार कोई पंगा नहीं चाहती।
उधर, उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट में 12 जुलाई को होने वाली सुनवाई का इंतजार कर रहा है। ठाकरे की तरफ से शिंदे के साथ गए 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। उद्धव गुट का कहना है कि अदालत अगर इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर देती है तो फिर सियासी लड़ाई के लिए उन्हें एक मनमाफिक रास्ता मिल जाएगा। उसके बाद वो शिंदे के साथ बीजेपी को ठिकाने लगा सकते हैं।
सोमवार को विधानसभा में शिंदे-फडणवीस सरकार ने 164 वोट पाकर जीत हासिल की। रविवार को हुए स्पीकर चुनाव में शिंदे-फडणवीस को 164 वोट मिले थे। उद्धव ठाकरे के हिंगोली के विधायक संतोष बांगर ने भी एकनाथ शिंदे को समर्थन देते हुए मतदान किया। अब उद्धव समर्थन दल की संख्या 16 से घटकर 15 रह गई है। शिंदे का कहना है कि उद्धव कैंप के 3 और विधायक उनके संपर्क में हैं।
