AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने यह कहकर राजनीति सरगर्म कर दी है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनकी पार्टी शिवसेना की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ महाविकास अघाडी के साथ हाथ मिला सकती है। उनका कहना है कि वो सीएम उद्धव ठाकरे से मिलने का समय लेंगे। वो हमारे भी सीएम हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वो मानेंगे और फिर मैं उनके सामने एमवीए गठबंधन से दोस्ती का प्रस्ताव पेश करूंगा।
औरंगाबाद से सांसद जलील ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी की बी टीम नहीं है। औरंगजेब का समर्थक होने के सवाल पर उनका कहना था कि कोई भी मुसलमान किसी कब्र के सामने सिर नहीं झुकाता। औरंगजेब आपको स्वीकार्य हो या न हो, लेकिन हकीकत यह है कि उन्होंने देश पर शासन किया था। उनका कहना था कि हमारे यहां रवायत है कि कब्र दुश्मन की हो तो भी उसके आगे सिर झुकाओ। अपने चुनाव क्षेत्र में औरंगजेब के गुंबद पर उनका कहना था कि उसका कोई मतलब नहीं है। मुस्लिम लोग भी शिवाजी को पसंद करते हैं।
ध्यान रहे कि सीएम उद्धव ठाकरे ने ओवैसी की पार्टी से गठबंधन की बात को सिरे से खारिज कर दिया था। उसके बाद संजय़ राउत ने निशाना साधते हुए कहा था कि महा विकास अघाड़ी तीन पार्टियों का गठबंधन है, इसमें किसी चौथे पार्टनर के लिए जगह नहीं है। राज्यसभा सांसद ने AIMIM पर बीजेपी का गुपचुप तरीके से साथ देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने जलील के प्रस्ताव के ठुकराते हुए ये बातें कहीं। एआईएमआईएम ने 2019 असेंबली चुनाव में दो सीटें जीती थीं।
संजय राउत ने जलील के सुझाव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जो औरंगजेब की मजार के सामने सिर झुकाते हैं, वो महाराष्ट्र के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकते हैं। उधर, शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने आरोप लगाया कि एमवीए के साथ हाथ मिलाने की एमआईएमआईएम की पेशकश के पीछे देवेंद्र फड़णवीस हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि ओवैसी एमवीए से जुड़े, जिससे हिंदुत्व पर चलने वाली शिवसेना से लोग नाराज हो जाएं और गठबंधन बिखर जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने जलील के बयान को लेकर शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना और एमआईएमआईएम के गठजोड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। शिवसेना ने अजान प्रतियोगिता शुरू की है और वह जनाब बालासाहब ठाकरे भी कह रही है।