महाराष्ट्र में एक फिर औरंगजेब पर राजनीति ने जोर पकड़ लिया है। इस पर निशाने पर असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी है। दरअसल, गुरुवार को अकबरुद्दीन ओवैसी औरंगाबाद के दौरे पर थे। जहां पर वह औरंगजेब की कब्र पर गए और फूल, चादर चढाई, जिसे लेकर अब भाजपा और शिवसेना ओवैसी पर आक्रामक दिख रही है।
अकबरुद्दीन ओवैसी के औरंगाबाद में औरंगजेब की कब्र पर जाने को लेकर, औरंगाबाद के पूर्व सांसद और शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने कहा कि “ओवैसी बस एक राजनीतिक विवाद पैदा करने के लिए यहां आए थे। कोई भी हिंदू या फिर मुस्लिम उस क्रूर मुगल सम्राट की क्रब पर नहीं जाता है। लेकिन ओवैसी और उसकी पार्टी केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।”
इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के नेता राम कदम ने भी शिवसेना पर हमला बोला है और कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “महाराष्ट्र सरकार में यदि हिम्मत और साहस है तो ओवैसी पर औरंगजेब की कब्र पर माथा झुकाने वाले के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा लगाए”
ओवैसी की दौरे का बचाव करते हुए इस दौरान उनके साथ गए एआईएमआईएम नेता और औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज़ जलील ने कहा कि जो कोई भी खुल्दाबाद में दरगाह शरीफ हजरत बाबा शाह मुसाफिर के यहां आता है उसे दरगाह पर चादर और फूल चढ़ाना होता है। यह एक परंपरा है।
आगे कहा कि “हमारे नेता यहां हैदराबाद से एक स्कूल की शुरुआत करने आए है जो सभी धर्मों के बच्चों के लिए होगा और यहां सभी को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। मुझे लगता है सभी नेताओं को उनसे सिखाना चाहिए।”
ओवैसी की मकबरे पर यात्रा पर आपत्ति जताते हुए एमएनएस नेता गजानन काले ने कहा कि “महाराष्ट्र सरकार को ओवैसी के औरंगजेब के मकबरे की यात्रा करने पर कार्यवाही करनी चाहिए। यदि सरकार की ओर से इस पर एक्शन नहीं लिया जाता है तो एमएनएस अपने तरीके से निपटेगा”