महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे में अब राज ठाकरे की एंट्री हो गई है। दरअसल उनसे बागियों के मुखिया एकनाथ शिंदे ने फोन पर बात की। शिंदे ने मनसे चीफ से बात के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। राज ठाकरे अपने कूल्हे की सर्जरी के बाद रिकवरी कर रहे हैं। हाल ही में वो ऑपरेशन के बाद घर लौटे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि दोनों के बीच सियासी मामलों पर भी बात हुई। राज का उद्धव से 36 का आंकड़ा है।
बाला साहब ठाकरे की मौत से पहले ही राज ने मातोश्री से किनारा कर लिया था। उसके बाद उन्होंने एमएनएस लान्च की। हालांकि ठाकरे परिवार जब भी संकट में दिखा तो राज उनके पास दिखे। चाहें वो बाला साहब का अंतिम समय़ रहा हो या फिर बीमारी के दौरान उद्धव का अस्पताल में भरती होना। राज अपने कजिन की कार ड्राईव करते भी दिखे। तब लगा कि दोनों परिवार फिर से 1 हो सकते हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
उद्धव सरकार पर मंडरा रहे संकट के बीच शिंदे गुट के विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है। याचिका में कहा गया है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं। इस तथ्य से पूरी तरह वाकिफ होने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया।
याचिका में कहा गया है कि नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को रोज धमकियां मिल रही हैं। उनके जीवन पर खतरा है। शिवसेना ने न केवल उनके परिजनों की सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके कुछ सहयोगियों की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। उनकी जान को गंभीर खतरा है।
मामले में केंद्र की एंट्री तब हुई जब गृह मंत्रालय ने 15 बागी विधायकों को सुरक्षा दे दी। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा है कि बागी 47 विधायकों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल उपलब्ध कराए। राज्यपाल पहले ही महाराष्ट्र के डीजीपी से पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कह चुके हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है।