महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच बागी शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर द्वारा महाराष्ट्र के बागी विधायकों के खिलाफ जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में शिंदे के स्थान पर अजय चौधरी को सदन में शिवसेना के विधायक नेता के रूप में नियुक्त करने को भी चुनौती दी गई है।
वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, “20 मई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को फोन किया और उनसे कहा कि अगर आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हो तो बन जाइए। वे सीएम बनना चाहते हैं, लेकिन उस समय उन्होंने ड्रामा किया और रोने लगे। ठीक एक महीने बाद, उन्होंने बगावत कर दी।”
इससे पहले रविवार (26 जून) को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में शामिल में आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो लोग छोड़ना चाहते हैं और जो पार्टी में लौटना चाहते हैं, उनके लिए शिवसेना के दरवाजे खुले हैं। पर जो बागी विधायक हैं वो देशद्रोही हैं, उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा।
बागी विधायकों को लीगल नोटिस: शिवसेना ने गुवाहाटी के होटल में ठहरे 16 बागी विधायकों को लीगल नोटिस भेजा है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने रविवार को जानकारी दी कि बागियों के खिलाफ पार्टी ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और संबंधित विधायकों को नोटिस दिया है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर शिंदे गुट के विधायकों और उनके परिवारों को तत्काल रूप से सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है।
शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष ने एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया था। इन विधायकों को 27 जून 2022 तक लिखित जवाब दाखिल करना है। नोटिस में कहा गया है कि अगर विधायक जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई का फैसला लिया जाएगा।
वहीं, शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष ने विधायक अजय चौधरी को राज्य विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्त करने के शिवसेना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस संबंध में डिप्टी स्पीकर कार्यालय की ओर से शिवसेना को पत्र भेजा गया था।