Shiv Sena Dussehra Rally: महाराष्ट्र में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी है। बीएमसी ने इससे पहले मुंबई पुलिस के उठाए गए कानून-व्यवस्था की चिंताओं के आधार पर शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन के लिए उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों ही गुटों को इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद ठाकरे गुट ने बीएमसी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। शिवसेना की इस लड़ाई के बीच सवाल यह उठता है कि आखिर ठाकरे और शिंदे गुट के लिए क्यों जरूरी है शिवाजी पार्क?
उद्धव ठाकरे के लिए क्यों जरूरी है शिवाजी पार्क?
मुंबई के शिवाजी पार्क का ठाकरे परिवार से चार पीढ़ियों का नाता रहा है। शिवसेना के बनने के बाद से ही शिवाजी पार्क में उनकी दशहरा की सभाएं होती रही हैं। पहले शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और फिर उद्धव ठाकरे यहां शिवसेना प्रमुख के तौर पर भाषण देते थे। ठाकरे परिवार के लिए शिवाजी पार्क कई वजहों से महत्वपूर्ण है। 19 जून 1966 को शिवसेना की स्थापना शिवाजी पार्क में ही हुई थी। बाल ठाकरे ने इसी पार्क में अपने दोस्तों के साथ शिवसेना का गठन किया था। बाल ठाकरे ने अपने लगभग सभी बड़े फैसलों का ऐलान भी इसी पार्क से किया था।
शिवसेना के लिए शिवाजी पार्क का खास स्थान है। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 56 साल पहले यहीं पहली रैली की थी और उसके बाद हर साल दशहरे पर यहां कार्यक्रम होने लगा। वरिष्ठ शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर का कहना है कि ठाकरे समय-समय पर पार्टी का एजेंडा घोषित करने, अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने और भाषण देने के लिए इन्हीं रैलियों का इस्तेमाल करते थे।
इसी पार्क में हुआ बाल ठाकरे का अंतिम-संस्कार: साल 2012 में जब बाल ठाकरे का निधन हुआ, तब इसी मैदान में उनका अंतिम संस्कार किया गया था। शिवसैनिक इसे शिवाजी पार्क ‘शिव तीर्थ’ कहते हैं, जहां अब बाल ठाकरे का स्मारक है। यही वजह है कि शिवाजी पार्क शिवसेना के दो धड़ों के बीच घमासान का नया मुद्दा बन गया है।
सीएम एकनाथ शिंदे के लिए क्यों जरूरी है दशहरा रैली?
सवाल यह भी है कि सीएम एकनाथ शिंदे शिवाजी पार्क में रैली की जिद पर क्यों अड़े हुए हैं? दरअसल, एकनाथ शिंदे दावा करते हैं कि उनका गुट ही असली शिवसेना है। इस बात को गृहमंत्री अमित शाह से लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी भी कहती है। इतना ही नहीं सीएम शिंदे यह भी कहते हैं कि वो बाला साहेब के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में शिवाजी पार्क में रैली करना उनकी प्रतिष्ठा का सवाल है।
शिवाजी पार्क का इतिहास: दादर के पश्चिम में मराठी बस्तियों से घिरे 28 एकड़ के इस पार्क को पहले माहिम पार्क कहते थे। यहां आयोजित होने वाला शिवसेना का दशहरा मेला तो ख़ास है ही, इसके अलावा परकट उद्यान का गणेश मंदिर और समर्थ व्यायाम मंदिर का मल्लखंब भी बहुत मशहूर है। ये मैदान कई ख़ास क्रिकेट पारियों का भी गवाह रहा है। सालों से यह राजनीति, संस्कृति, खेल और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रमुख स्थल रहा है। यह वहीं मैदान है जहां एक युवा सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट का अभ्यास किया। बाल ठाकरे और लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार भी यहीं किया गया था।