महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे गुट ने मिलकर सरकार तो बना ली है, लेकिन अब 3 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होंगे। बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के लिए विधायक राहुल नार्वेकर को उतारा है। तो वहीं महा विकास आघाड़ी ने संयुक्त रूप से शिवसेना के विधायक राजन साल्वी को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है।

अगर हम विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालें, तो वर्तमान में विधानसभा में कुल 287 विधायक हैं जबकि विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या 288 है। इन आंकड़ों के हिसाब से बहुमत के लिए 144 विधायक चाहिए। वर्तमान में महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 106 सदस्य हैं जबकि शिंदे गुट का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 39 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं एकनाथ शिंदे के पास 11 अन्य विधायकों का भी समर्थन हासिल है।

अगर इन सब आंकड़ों को मिला दे तो यह कुल 156 विधायक हो जाते हैं। वहीं बीजेपी के साथ भी करीब 10 निर्दलीय हैं, जिससे आंकड़ा 166 पहुंच जाता है। जबकि राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस ने विधान सभा में बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। एमएनएस के पास 1 विधायक हैं। यानी बीजेपी के पास कुल विधायकों के समर्थन की संख्या 167 है। इससे बीजेपी का विधानसभा अध्यक्ष आसानी से चुना जा सकेगा।

शिवसेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म की जाए। हालांकि कोर्ट इस याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा जबकि वोटिंग 3 जुलाई यानी कल है। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से बाहर कर दिया है।

शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि जो बीजेपी ने अब किया है, वहीं हमने ढाई साल पहले 2019 में सुझाया था कि ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बने। वहीं शिवसेना की ओर से देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा गया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि जो मुख्यमंत्री बनने वाले थे, वह उपमुख्यमंत्री बन गए।