महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार में लगातार खटपट की खबरें आती रही हैं। जहां कुछ समय पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नाराज होने की खबरें सामने आई थीं, वहीं कुछ समय बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी गठबंधन के सहयोगियों से अनबन की चर्चा उठी थी। हालांकि, बार-बार शिवसेना इसे छोटा-मोटा मुद्दा बताकर टालती आई है। हालांकि, इस बार कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने सीएम उद्धव ठाकरे पर सीधे तौर पर निशाना साधा है। उन्होंने ठाकरे के दूसरे बंगले मातोश्री-2 की खरीद में घोटाले के आरोप लगाए हैं।
गौरतलब है कि ठाकरे परिवार अभी बालासाहेब ठाकरे के बनाए बांद्रा स्थित मातोश्री में ही रहता है। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने कुछ समय पहले ही मातोश्री के ठीक सामने एक जमीन खरीदकर उस पर इमारत खड़ी कर दी थी, जिसे अब मातोश्री-2 के नाम से जाना जाता है। संजय निरुपम का आरोप है कि उद्धव ने उस जमीन को 5 करोड़ रुपए में खरीद लिया, जबकि उसकी कीमत इससे कहीं ज्यादा है। निरुपम ने मांग की है कि इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) को जांच करनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का शक जताया है।
निरुपम ने कहा, “पिछले कुछ सालों से ईडी और सीबीआई स्टर्लिंग बायोटेक और इसके डायरेक्टर से जुड़े एक बड़े घोटाले की जांच कर रही है। कहा जाता है कि इसमें 14 हजार करोड़ रुपए तक की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और सीबीआई इस कंपनी के बैंक फ्रॉड की जांच कर रही है। इस कंपनी के एक निदेशक राज भूषण दीक्षित को गिरफ्तार कर चार्जशीट भी दाखिल की गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने 2016 में उनके साथ जमीन का सौदा किया है, ताकि उस पर मातोश्री-2 बनाया जा सके।”
गौरतलब है कि संजय निरुपम काफी समय से महाविकास अघाड़ी गठबंधन के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने इस गठबंधन के बनने पर भी विरोध जताया था। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें किनारे कर दिया। निरुपम ने आरोप लगाया है कि जब डील पूरी हो गई, तब दीक्षित को 5.80 करोड़ रुपए दिए गए। लेकिन मुंबई में प्रॉपर्टी मार्केट के बारे में जो कोई भी जानता है, उसे पता है कि मातोश्री-2 का प्लॉट बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स की प्राइम लोकेशन पर है और यहां जमीन सस्ते रेट पर नहीं मिलती। यह मुमकिन ही नहीं है। यह दिखाता है कि इस समझौते में चेक के अलावा बड़ा कैश पेमेंट किया गया।
निरुपम ने कहा कि इसीलिए मैं कह रहा हू कि अगर एजेंसियां दीक्षित से पूछताछ कर रही हैं, तो उन्हें मुंबई के इस केस पर भी देखना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि इसमें कोई बड़ा लेनदेन हुआ था या नहीं। सीबीआई और ईडी दोनों को मामले की जांच करनी चाहिए।