महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने दावा किया है कि उन्हें उद्धव ठाकरे ने सीएम पद की पेशकश की थी। वहीं देवेंद्र फडणवीस के बयान पर शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस लोगों के बीच सनसनी और भ्रम फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
मराठा समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार के दौरान देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया कि क्या उद्धव ठाकरे ने उनसे संपर्क किया था? देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हां, मुझसे संपर्क किया गया था। लेकिन मैंने जवाब दिया कि हम आगे बढ़ गए हैं। मुझसे कहा गया था कि जो हो गया सो हो गया, अब आप मुख्यमंत्री बनिए। मैंने स्पष्ट कर दिया कि वह क्षण बीत चुका है। मैं विश्वासघात करने वालों में से नहीं हूं। अब ये लोग (Shinde rebels) हमारे साथ आए थे और हम उन्हें धोखा नहीं दे सकते। जब उन्होंने बगावत की है और हमसे हाथ मिलाया है तो हम उनके साथ विश्वासघात नहीं कर सकते। यह हमारी राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता। इसलिए मैंने मना कर दिया।”
शनिवार को संजय राउत ने इस बात से इनकार नहीं किया कि देवेंद्र फडणवीस के साथ संचार हुआ था। उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे तब मुख्यमंत्री थे और देवेंद्र फडणवीस विपक्ष के नेता थे। जब दो नेता संवाद करते हैं तो क्या गलत है? उन्होंने फडणवीस से बात की होगी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी, संजय राउत ने कहा, “फडणवीस सनसनी पैदा करने और लोगों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीति में लोग अपने-अपने स्टैंड पर चर्चा करते हैं। जब दो नेता संवाद करते हैं और कुछ मुद्दों पर चर्चा करते हैं, तो चर्चा को सनसनीखेज बनाने का क्या मतलब है?”
इस बीच एनसीपी नेता अजीत पवार ने शुक्रवार शाम पिंपरी-चिंचवाड़ में कहा कि एनसीपी-कांग्रेस ने कभी भी शिवसेना (UBT) को गिराने की कोई कोशिश नहीं की, जैसा कि भाजपा करती रही है। उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि सूरत और गुवाहाटी में विधायकों को कौन ले गया। हर कोई जानता है कि शिवसेना को किसने तोड़ा। वास्तव में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने खुद कहा है कि कांग्रेस-एनसीपी ने मुश्किल समय में शिवसेना की मदद की। जबकि 25 साल के अपने साथी ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है।”