Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चल रहा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। उद्धव कैंप को पार्टी का नया नाम और सिंबल मिलने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पक्षपात और भेदभाव का आरोप लगाया है।

चुनाव आयोग ने मुबंई अंधेरी ईस्ट का उपचुनाव लड़ने के लिए उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव चिह्न ‘जलती हुई मशाल’ दिया था। इसके अलावा पार्टी के लिए उन्हें ‘शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम आवंटित किया था। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव सिंबल ‘तलवार-ढाल’ और पार्टी का नाम ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ आवंटित किया गया।

उद्धव ठाकरे के वकील विवेक सिंह ने पत्र में लिखा है, ‘ चुनाव आयोग के कई संचार और कार्यों ने प्रतिवादी (शिवसेना उद्धव ठाकरे) के मन में पूर्वाग्रह की गंभीर आशंका को जन्म दिया है।’ इस बीच, टीम ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) अपने कर्मचारी रुजुता लटके के इस्तीफे को स्वीकार नहीं करने के लिए दबाव में था।

बता दें, रुजुता लटके आगामी अंधेरी पूर्व उपचुनाव में उद्धव गुट की उम्मीदवार हैं, और वह तब तक चुनाव नहीं लड़ सकती हैं, जब तक कि निकाय उन्हें उनकी नौकरी से मुक्त नहीं कर देती। शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।

बता दें, विधायक रमेश लटके के निधन के कारण अंधेरी में उपचुनाव हो रहा है। मई, 2022 में मुंबई की अंधेरी ईस्ट सीट से शिवसेना के 52 वर्षीय विधायक रमेश लटके का दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वहीं महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के बाद पहला महत्वपूर्ण चुनाव।

चुनाव आयोग ने शिवसेना के ‘तीर-धनुष’ को फ्रीज कर दिया था

बता दें, चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों का पुराने चुनाव निशान तीर-धनुष के उपयोग पर रोक लगा दी थी और इसको फ्रीज कर दिया था। दो दिन पहले ही आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को पार्टी का नया चुनाव निशान जलती मशाल आवंटित किया था और पार्टी का नाम शिवसेना (उद्धव-बालासाहेब ठाकरे) रखने की अनुमति दी थी। शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना का नाम दिया गया है।