Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच विपक्ष के नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है। अजित पवार ने शुक्रवार को सरकार पर धन आवंटन को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने यह शिकायत पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अध्यक्षता में पुणे जिला योजना और विकास समिति (पीडीसीसी) की वार्षिक बैठक में की। जिसमें जिले के तीन सांसदों और 21 विधायकों के साथ-साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे। अजित पवार बारामती विधानसभा से विधायक हैं।
‘फंड वितरण में सरकार कर रही भेदभाव’
अजित पवार ने कहा कि जिले के 21 विधायकों में से 13 विधायक विपक्षी दलों के हैं। उन्होंने देखा है कि फंड बांटने के दौरान उनके साथ अन्याय किया जा रहै है। पवार ने कहा कि हर विधायक 4-5 लाख नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है और वे लोगों के लिए काम कर रहे हैं। इसको लेकर हमने चंद्रकांत दादा से अपील की है कि फंड वितरण में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो कुछ सरकारी ठेकेदारों से मिले थे, जिन्होंने शिकायत की थी कि पूरे किए गए काम के बिल जारी नहीं किए जा रहे हैं, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष में किए गए बिल भी शामिल हैं।
विपक्ष के नेता ने कहा कि ठेकेदारों से मिलने के बाद मैंने सरकार में अपने सूत्रों से कुछ जानकारी प्राप्त की। मुझे बताया गया कि 1.05 लाख करोड़ रुपये के बिल भुगतान के लिए लंबित हैं। स्थानीय अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे बिना ऊपर से अनुमति प्राप्त किए किसी भी लंबित बिल का भुगतान न करें। मैंने चंद्रकांत पाटिल से इस बारे में सीएम और डीसीएम से जानकारी लेने का अनुरोध किया है। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या महाराष्ट्र के खजाने की हालत खराब है?
त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद पर अजित पवार बोले-
अजित पवार ने यह भी कहा कि कुछ दिनों पहले त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधि से बात की जिन्होंने उन्हें इस मुद्दे के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है। कुछ लोगों ने जानबूझकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर इसे सांप्रदायिक रंग देने का काम किया। पवार ने कहा कि समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के लिए यह सब किया जा रहा है। सरकार में कुछ लोग और पार्टी के प्रवक्ता भी ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे सांप्रदायिकता की आग भड़केगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र की जनता ऐसे लोगों को कामयाब नहीं होने देगी।
क्या है त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद-
महाराष्ट्र के नासिक जिले का त्र्यंबकेश्वर मंदिर इन दिनों खूब चर्चा में है। कुछ युवकों द्वारा मंदिर में चादर चढ़ाने जाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद अब एक महंत ने दावा किया है कि पास में मौजूद दरगाह के नीचे एक हिंदू मंदिर है। यह दावा हजरत पीर सैयद गुलाबशाही बाबा की दरगाह को लेकर किया गया है। महंत ने मांग की है कि सच्चाई सामने लाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से सर्वे करवाया दाए।